[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 20 सितम्बर 2021 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययनI


  

विषय: स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।

1. स्वतंत्रता के बाद, भूमि सुधारों का कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ा एवं साथ ही इसके सामाजिक निहितार्थ लेकिन कुछ सीमाएँ भी थीं। मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: अध्याय -29, 30 एवं 31- स्वतंत्रता के पश्चात भारत: बिपन चंद्र।

 निर्देशक शब्द:

 मूल्यांकन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

स्वतंत्र भारत में प्रारम्भ किए गए भूमि सुधारों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उपर्युक्त कारकों के संबंध में संरचनात्मक एवं संस्थागत परिवर्तनों पर प्रकाश डालिए।

बिचौलियों का उन्मूलन, काश्तकारी सुधार, भूमि अधिग्रहण के लिए भूमि जोत की सीमा, भूमि की गुणवत्ता में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर निवेश, इसकी परिचालन स्थितियों और इसकी भौतिक स्थितियों के प्रबंधन के माध्यम से उपरोक्त को कैसे प्राप्त किया गया? विस्तार से चर्चा कीजिए।

भारत में भूमि सुधार की सीमाओं पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

भारत में भूमि सुधारों के समग्र सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।

 2. कृषि पर हरित क्रांति के प्रभावों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। सम्पूर्ण भारत में उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYV) के प्रसार में क्या बाधाएँ थीं? (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: अध्याय -33 – स्वतंत्रता के पश्चात भारत: बिपन चंद्र।

निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में तीव्र खाद्य संकट की स्थिति में हरित क्रांति की ओर ले जाने वाली उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYVs) का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

हरित क्रांति के लाभ एवं हानियों पर प्रकाश डालिए।

उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYVs) के प्रसार को सीमित करने वाली बाधाओं के बारे में लिखिए।

निष्कर्ष:

भारत में हरित क्रांति के समग्र प्रभाव का सारांश प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनII


  

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

3. निस्संदेह देश भर में जनसंख्या नियंत्रण उपायों एवं महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार हुआ है लेकिन महिलाओं के स्वास्थ्य परिणामों के बहुआयामी पहलुओं की पहचान करने एवं उन्हें संबोधित करने के प्रयासों की अभी भी आवश्यकता है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Live Mint

निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 से प्राप्त डाटा प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:

उन मुद्दों का उल्लेख कीजिए जिन्हें अभी भी संबोधित करने की आवश्यकता है।

समझाइए कि कैसे कोविड-19 महामारी ने उपरोक्त को और खराब कर दिया है।

इन बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख कीजिए।

प्रकाश डालिए कि उपरोक्त को संबोधित करने के लिए कदम उठाने से न केवल हमारे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में सुधार होगा बल्कि हमें एसडीजी -5 के करीब भी ले जाएगा।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

4. AUKUS समझौता हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थापत्य का पूरक होगा लेकिन इसके बहुत दूरगामी प्रभाव भी हैं। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Live Mint

निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

AUKUS के गठन का सन्दर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:

सुरक्षा समझौते एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इसके पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

AUKUS के निर्माण का अन्य देशों पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डालिए। भारत पर इसके प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

नियम आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था पर नए भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIII


  

विषय: समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।

5. समावेशी विकास से आप क्या समझते हैं? समावेशी विकास में प्रमुख बाधाएं क्या हैं एवं वर्तमान परिदृश्य में उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है? समझाइए। (250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: The HinduInsights on India

 निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

समावेशी विकास एवं इसके प्रमुख घटकों को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समावेशी विकास की बाधाओं को विस्तार से समझाइए।

समावेशी विकास प्रयासों पर कोविड-19 महामारी के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

इन मुद्दों के समाधान के उपाय सुझाइए।

 निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि वर्तमान परिदृश्य में उपरोक्त को संबोधित करते हुए लक्षित नीतिगत उपाय, सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रयासों से उपरोक्त प्रमुख क्षेत्रों में लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से समावेशी विकास किया जा सकता है।

 

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

6. हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट (HAPS) भारत में नागरिक एवं रक्षा दोनों उद्देश्यों में उपग्रहों एवं ड्रोन की सहायता के लिए दृढ़ता एवं लचीलता प्रदान करता है। विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ:  Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट (HAPS) को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट की कार्यप्रणाली एवं इसकी अवधारणा पर प्रकाश डालिए।

यह उपग्रहों एवं ड्रोन की सहायता कैसे करेगा? समझाइए।

नागरिक उद्देश्यों में हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट के अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालिए।

रक्षा उद्देश्यों में हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट के अनुप्रयोगों को सूचीबद्ध कीजिए।

निष्कर्ष:

भारत में हाई एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट के लिए क्षमता निर्माण की दिशा में आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIV


  

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. स्वामी विवेकानंद नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से सभी सामाजिक बुराइयों के समाधान के रूप में मनुष्य के परिवर्तन में विश्वास करते थे। स्पष्ट कीजिए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ:  नैतिकता: लेक्सिकन प्रकाशन।

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

स्वामी विवेकानंद के दर्शन का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

स्वामी विवेकानंद के व्यावहारिक वेदांत के बारे में लिखिए।

नैतिक ज्ञान के प्रति स्वामी विवेकानंद की शिक्षा पारंपरिक वेदांतिक शिक्षाओं एवं आधुनिक शिक्षा का मिश्रण कैसे थी? उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि उनका संदेश सार्वभौमिक एवं शाश्वत है, जो वर्तमान समय के लिए बहुत प्रासंगिक है।


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