[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 18 अप्रैल 2022 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: भारतीय संस्कृति, जिसमें प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

1. देश की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना एवं विरासत संरचनाओं को विनाश से बचाना प्राथमिकता होनी चाहिए, साथ ही उन्हें हमारे अतीत के संदर्भ में ज्ञान प्रसार के लिए लोगों के बीच प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Financial Express 

निर्देशक शब्द: 

टिप्पणी कीजिए ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए। 

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

भारत की कला विरासत में क्या-क्या शामिल है? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

विषय वस्तु:  

उल्लिखित कीजिए कि हमारी विरासत को संरक्षित करना एक मौलिक कर्तव्य के रूप में निहित है।

सार्वजनिक जागरूकता की कमी जैसे कला विरासत के खतरों का परीक्षण कीजिए।

इन विरासत की रक्षा करना क्यों महत्वपूर्ण है? चर्चा कीजिए।

रक्षा के सन्दर्भ में आगे की राह पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता क्यों है तथा आगे क्या करने की आवश्यकता है? बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारतीय संस्कृति, जिसमें प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

2. प्राचीन एवं मध्यकाल में भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास पर प्रकाश डालिए। वर्तमान समय में उनसे प्राप्त प्रमुख सीख क्या हैं? (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

विज्ञान के क्षेत्र में भारत के प्राचीन एवं मध्यकालीन विकास का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइए कि विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक, भारतीय सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की एक मजबूत परंपरा रही है।

कुछ सम्बंधित उदाहरणों का उल्लेख कीजिए।

हम प्राचीन एवं मध्यकालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सफलताओं एवं सीमाओं से क्या सीख सकते हैं? स्पष्ट कीजिए।

निष्कर्ष:

वर्तमान समय में भी ऐसी खोजों एवं आविष्कारों के महत्व तथा प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग।

3. न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या चिंता का एक प्रमुख विषय रही है, जो न केवल न्याय प्रदान करने में बाधा डालती है बल्कि इसकी आर्थिक लागत भी है। बड़े पैमाने पर लंबित मामलों के कारणों का विश्लेषण कीजिए एवं इस बोझ को कम करने के उपायों का सुझाव दीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

लंबित मामलों को प्रमाणित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों के साथ वर्तमान परिस्थितियों का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

इसके कारणों पर प्रकाश डालिए।

इसके प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

उपर्युक्त को नियंत्रित करने के लिए उपायों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

न्याय के शीघ्र वितरण को सुनिश्चित करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

4. दक्षेस (SAARC) का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है लेकिन एक सुरक्षित एवं समृद्ध दक्षिण एशिया की दिशा में नेतृत्व करना तथा सामूहिक रूप से कार्य करना भारत के हित में है। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Insigts on India

निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

दक्षेस (SAARC) एवं इसके वर्तमान परिदृश्य का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु: 

दक्षेस (SAARC) के लिए एक अंधकारमय भविष्य की ओर इशारा करने वाली वर्तमान अनिश्चितताओं पर प्रकाश डालिए।

भारत को दक्षेस (SAARC) को पुनर्जीवित करने का बीड़ा क्यों उठाना चाहिए? उल्लेख कीजिए। 

निष्कर्ष:

दक्षेस (SAARC) को फिर से जोड़ने एवं पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक कूटनीतिक कदमों का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।

5. भारत को प्रगतिशील विनियमन के माध्यम से ब्लॉकचेन का उपयोग करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह उपकरण अर्थव्यवस्था को बदलने एवं देश में जीवन स्तर में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ: Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

ब्लॉकचेन तकनीक को संक्षेप में परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

विभिन्न क्षेत्रों में ब्लॉकचेन तकनीक के अनुप्रयोगों का उल्लेख कीजिए।

यह अर्थव्यवस्था को कैसे परिवर्तित कर सकती है? वर्णन कीजिए।

इसका उपयोग देश में जीवन स्तर में सुधार के लिए कैसे किया जा सकता है? समझाइए।

 निष्कर्ष:

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के भविष्य के लाभों पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।

 6. भविष्य की जैविक कृषि के समक्ष यह चुनौती होगी कि वह जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ती विश्व जनसंख्या की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने पर्यावरणीय लाभों को बनाए रखे, पैदावार में वृद्धि करे एवं कीमतों को कम करे। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Hindustan Times , Insights 

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

जैविक कृषि को परिभाषित कीजिए एवं भारत में इसकी वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

जैविक कृषि से होने वाले लाभों के बारे में लिखिए।

जैविक कृषि की मापनीयता एवं लाभप्रदता में बाधा डालने वाले विभिन्न सीमित कारकों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

उपर्युक्त सीमाओं को पार करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

 7. यदि एकमात्र नैतिक अनिवार्यता सुख की तलाश करना एवं अपने दुखों से बचना है, तो नैतिकता बहुत कमज़ोर एवं लगभग अर्थहीन होगी। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

 सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि के प्रति एक व्यावहारिक दृष्टिकोण: डी.के. बालाजी।

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

एक नैतिक रूप से उचित कार्रवाई के सम्बन्ध में सुखवाद के सिद्धांत एवं उसके विचार पर विस्तार से चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

स्पष्ट कीजिए कि सुखवाद के सिद्धांत के अनुसार सुख की तलाश करना और दुखों से बचना नैतिक रूप से उचित हो सकता है, लेकिन स्वार्थ को बढ़ावा देने वाली नैतिकता का कोई अर्थ नहीं हो सकता है।

इस तथ्य की सोदाहरण पुष्टि कीजिए कि जो एक व्यक्ति के लिए अच्छा अथवा सही हो, वह समाज/समुदाय/देश के लिए भी अच्छा हो, यह आवश्यक नहीं है। अतः इस प्रकार की नैतिकता का कोई अर्थ नहीं है।

निष्कर्ष:

व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत सुख से परे सोचने की आवश्यकता के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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