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HINDI Puucho STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत हीट वेव से ग्रस्त है, जिसे तब घोषित किया जाता है जब किसी स्थान पर अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री अधिक बढ़ जाता है।
- ला नीना सामान्य तापमान की तुलना में अधिक शीतलता की स्थिति होती है और यह गर्मी के महीनों के दौरान किसी स्थान के तापमान को प्रभावित करने वाला एकमात्र प्रमुख कारक है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: d)
भारत हीट वेव से ग्रस्त है, जिसे तब घोषित किया जाता है जब किसी स्थान पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक बढ़ जाता है।
लेकिन विगत रिकॉर्ड बताते हैं कि हर ग्रीष्मकाल में कोर हीटवेव जोन (CHZ) क्षेत्रों में हीटवेव सामान्य होती है। CHZ में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में विदर्भ, पश्चिम बंगाल के गंगा के कुछ भाग, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।
सीजन के दौरान ला नीना की क्या भूमिका होती है
ला नीना एक प्रशांत महासागर की घटना है जब समुद्र की सतह के तापमान के साथ-साथ मध्य और भूमध्यवर्ती बेल्ट सामान्य से अधिक ठंडी होती है। उच्च तापमान की स्थिति अल नीनो के साथ संबंधी है और ला नीना के लिए इसकी विपरीत स्थिति होती है , ये दोनों समुद्री परिस्थिति वैश्विक स्तर पर तापमान को प्रभावित करती है।
वर्तमान में, प्रशांत महासागर पर मध्यम तीव्रता वाला ला नीना प्रबल है।
“ला नीना के दौरान सामान्य तापमान की तुलना में शीतल तापमान होता है और यह ग्रीष्मकाल के दौरान तापमान को प्रभावित करने वाला एकमात्र प्रभावी कारक नहीं है। वायुमंडलीय और महासागरीय परिस्थितियां, स्थानीय पवनें आदि एक साथ भारत में ग्रीष्मकाल के दौरान तापमान को निर्धारित करते हैं। “
Incorrectउत्तर: d)
भारत हीट वेव से ग्रस्त है, जिसे तब घोषित किया जाता है जब किसी स्थान पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक बढ़ जाता है।
लेकिन विगत रिकॉर्ड बताते हैं कि हर ग्रीष्मकाल में कोर हीटवेव जोन (CHZ) क्षेत्रों में हीटवेव सामान्य होती है। CHZ में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में विदर्भ, पश्चिम बंगाल के गंगा के कुछ भाग, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं।
सीजन के दौरान ला नीना की क्या भूमिका होती है
ला नीना एक प्रशांत महासागर की घटना है जब समुद्र की सतह के तापमान के साथ-साथ मध्य और भूमध्यवर्ती बेल्ट सामान्य से अधिक ठंडी होती है। उच्च तापमान की स्थिति अल नीनो के साथ संबंधी है और ला नीना के लिए इसकी विपरीत स्थिति होती है , ये दोनों समुद्री परिस्थिति वैश्विक स्तर पर तापमान को प्रभावित करती है।
वर्तमान में, प्रशांत महासागर पर मध्यम तीव्रता वाला ला नीना प्रबल है।
“ला नीना के दौरान सामान्य तापमान की तुलना में शीतल तापमान होता है और यह ग्रीष्मकाल के दौरान तापमान को प्रभावित करने वाला एकमात्र प्रभावी कारक नहीं है। वायुमंडलीय और महासागरीय परिस्थितियां, स्थानीय पवनें आदि एक साथ भारत में ग्रीष्मकाल के दौरान तापमान को निर्धारित करते हैं। “
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Question 2 of 5
भूकंप के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- सभी प्राकृतिक भूकंप स्थलमंडल में आते हैं।
- पृष्ठीय तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं।
- पदार्थ जितना सघन होगा, भूकंप तरंगों का वेग उतना ही कम होगा।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: a)
सभी प्राकृतिक भूकंप स्थलमंडल (lithosphere) में आते हैं।
भूगर्भीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं। उन्हें पी और एस-तरंगें कहा जाता है। पी-तरंगें तीव्र गति से गमन करती हैं और धरातल पर सबसे पहले पहुँचती हैं। इन्हें ‘प्राथमिक तरंगें’ भी कहा जाता है। पी-तरंगें ध्वनि तरंगों के समान होती हैं। वे गैस, तरल और ठोस पदार्थों के माध्यम से गुजर सकती हैं। एस-तरंगें धरातल पर कुछ समय अंतराल के बाद पहुंचती हैं। इन्हें द्वितीयक तरंगें कहते हैं। एस-तरंगों के बारे में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ये केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से गमन कर सकती हैं।
धरातलीय तरंगें सीस्मोग्राफ पर अंत में अभिलेखित होती हैं। ये तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं। ये चट्टानों के विस्थापन का कारण बनती हैं, और इमारतें धवस्त हो जाती हैं।
Incorrectउत्तर: a)
सभी प्राकृतिक भूकंप स्थलमंडल (lithosphere) में आते हैं।
भूगर्भीय तरंगें दो प्रकार की होती हैं। उन्हें पी और एस-तरंगें कहा जाता है। पी-तरंगें तीव्र गति से गमन करती हैं और धरातल पर सबसे पहले पहुँचती हैं। इन्हें ‘प्राथमिक तरंगें’ भी कहा जाता है। पी-तरंगें ध्वनि तरंगों के समान होती हैं। वे गैस, तरल और ठोस पदार्थों के माध्यम से गुजर सकती हैं। एस-तरंगें धरातल पर कुछ समय अंतराल के बाद पहुंचती हैं। इन्हें द्वितीयक तरंगें कहते हैं। एस-तरंगों के बारे में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ये केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से गमन कर सकती हैं।
धरातलीय तरंगें सीस्मोग्राफ पर अंत में अभिलेखित होती हैं। ये तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं। ये चट्टानों के विस्थापन का कारण बनती हैं, और इमारतें धवस्त हो जाती हैं।
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Question 3 of 5
झेलम नदी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- झेलम नदी भारत और पाकिस्तान के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है।
- यह नदी के विकास की युवा अवस्था में भी मियांडर बनाती है।
- वुलर झील झेलम नदी पर स्थित है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
कश्मीर की घाटी में झेलम अभी भी अपनी युवा अवस्था में है और मियांडर (एक विशिष्ट विशेषता जो कि नदी की प्रौढावस्था अवस्था से जुड़ी है) बनाती है। झेलम नदी भारत और पाकिस्तान के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है। वुलर झील झेलम नदी पर स्थित है।
Incorrectउत्तर: c)
कश्मीर की घाटी में झेलम अभी भी अपनी युवा अवस्था में है और मियांडर (एक विशिष्ट विशेषता जो कि नदी की प्रौढावस्था अवस्था से जुड़ी है) बनाती है। झेलम नदी भारत और पाकिस्तान के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है। वुलर झील झेलम नदी पर स्थित है।
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Question 4 of 5
प्रशांत महासागर की पूर्वी और पश्चिमी सीमाएं किसके कारण बार-बार भूकंप का अनुभव करती हैं?
Correctउत्तर: c)
रिंग ऑफ फायर प्लेट विवर्तनिकी/गति और स्थलमंडलीय प्लेटों के टकराने का प्रत्यक्ष परिणाम है। चूंकि ये सीमाएं प्लेट सीमाओं से टकराती हैं, इसलिए निरंतर टेक्टोनिक मूवमेंट भूकंप का कारण बनती है।
Incorrectउत्तर: c)
रिंग ऑफ फायर प्लेट विवर्तनिकी/गति और स्थलमंडलीय प्लेटों के टकराने का प्रत्यक्ष परिणाम है। चूंकि ये सीमाएं प्लेट सीमाओं से टकराती हैं, इसलिए निरंतर टेक्टोनिक मूवमेंट भूकंप का कारण बनती है।
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Question 5 of 5
निम्नलिखित में से कौनसा/से कारक कौन चक्रवात की शक्ति को बढ़ाता/ते है/हैं?
- मेघ निर्माण का अभाव
- जलवाष्प के संघनन से मुक्त होने वाली ऊष्मा
- समुद्र के जल के तापमान में गिरावट
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: b)
चक्रवात का निर्माण:
चक्रवात अति निम्न दबाव वाली प्रणाली का निर्माण है जिसके चारों ओर बहुत तेज गति वाली हवाएं गति करती हैं।
वायु की गति, वायु की दिशा, तापमान और आर्द्रता जैसे कारक चक्रवातों के निर्माण में योगदान करते हैं।
बादल बनने से पहले, जल वायुमंडल से ऊष्मा प्राप्त करता है और वाष्प में बदल जाता है। जब जलवाष्प वर्षा की बूंदों के रूप में वापस तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है, तो यह ऊष्मा वायुमंडल में मुक्त हो जाती है।
वातावरण में छोड़ी गई ऊष्मा आसपास की वायु को गर्म करती है। ऊष्मा ऊपर की ओर गति करती है और निम्न दाब का निर्माण होता है। परिणामस्वरूप अत्यधिक वायु चक्रवात के केंद्र की ओर गति करने लगती है।
Incorrectउत्तर: b)
चक्रवात का निर्माण:
चक्रवात अति निम्न दबाव वाली प्रणाली का निर्माण है जिसके चारों ओर बहुत तेज गति वाली हवाएं गति करती हैं।
वायु की गति, वायु की दिशा, तापमान और आर्द्रता जैसे कारक चक्रवातों के निर्माण में योगदान करते हैं।
बादल बनने से पहले, जल वायुमंडल से ऊष्मा प्राप्त करता है और वाष्प में बदल जाता है। जब जलवाष्प वर्षा की बूंदों के रूप में वापस तरल रूप में परिवर्तित हो जाती है, तो यह ऊष्मा वायुमंडल में मुक्त हो जाती है।
वातावरण में छोड़ी गई ऊष्मा आसपास की वायु को गर्म करती है। ऊष्मा ऊपर की ओर गति करती है और निम्न दाब का निर्माण होता है। परिणामस्वरूप अत्यधिक वायु चक्रवात के केंद्र की ओर गति करने लगती है।
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