[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 1 जुलाई 2021 – INSIGHTSIAS

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सामान्य अध्ययनI


 

विषय: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।

1. क्या आपको लगता है कि भारतीय लोग एकीकरण से अधिक धार्मिक स्वतंत्रता को महत्व देते हैं? हमारे समाज में सहिष्णुता के मूल्य के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में धर्म: सहिष्णुता एवं अलगाव रिपोर्ट में शामिल प्रमुख तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

रिपोर्ट में उद्धृत प्रमुख बिंदुओं की व्याख्या कीजिए एवं उन्हें प्रश्न की मांग के साथ संरेखित कीजिए।

हमारे समाज में व्याप्त सहिष्णुता के मूल्यों के आलोक में उपर्युक्त बिंदुओं का विश्लेषण कीजिए। 

निष्कर्ष:

एक निष्पक्ष एवं संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

 2. “अम्बेडकर की सोच तथा विरासत सरकार की जन-समर्थक, गरीब-समर्थक कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों में परिलक्षित होती है।” टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: pib.gov.in

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उनकी भूमिका एवं योगदानों पर चर्चा कीजिए।

उनके विचारों एवं नीतियों को प्रतिबिंबित करने वाली सरकारी पहलों पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि अम्बेडकर की सोच और विरासत सरकार की जन-समर्थक, गरीब-समर्थक कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों में परिलक्षित होती है।

 


सामान्य अध्ययनII


 

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

3. यह विश्व के लिए भविष्य की महामारियों की रोकथाम के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने का समय है। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:   The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

भविष्य की महामारियों के खतरों का विश्लेषण कीजिए।

सम्बंधित चिंताओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

 निष्कर्ष:

इनके समाधान की राह सुझाते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सा.अ.2– सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

सा.अ.3– सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।

4. भारतनेट परियोजना (BharatNet Project) पर संक्षेप में चर्चा कीजिए एवं इसके कार्यान्वयन से सम्बंधित चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उनके समाधान के लिए सुझाव भी दीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Economic Times

निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारतनेट परियोजना क्या है? संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

 विषय वस्तु:  

भारतनेट परियोजना पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं की विवेचना कीजिए।

निष्कर्ष:

सुझाव दीजिए कि क्या करने की आवश्यकता है एवं इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIII


 

विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।

5. “सभी आतंकवादी अपराधी हैं लेकिन सभी अपराधी आतंकवादी नहीं हैं।” दिए गए कथन के आलोक में समझाइए कि किस तरह से देश में आतंकवाद विरोधी कानूनों ने अति-अपराधीकरण की अवधि को जन्म दिया है। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

इस कथन की व्याख्या कीजिए- “सभी आतंकवादी अपराधी हैं लेकिन सभी अपराधी आतंकवादी नहीं हैं।”

इस संबंध में प्रासंगिक निर्णयों पर चर्चा कीजिए।

आतंकवाद विरोधी कानूनों के दुरुपयोग पर प्रकाश डालिए; उदाहरण भी प्रस्तुत कीजिए।

आपराधिक न्याय प्रणाली को ‘आतंकवाद को परिभाषित’ करते समय दिल्ली उच्च न्यायालय के हालिया निर्णय पर ध्यान देने की आवश्यकता क्यों है? समझाइए।

इसके दुरुपयोग के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

इन समस्याओं को दूर करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है? सुझाव देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIV


 

विषय: नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।

 6. क्या सामाजिक सद्भाव के हित में स्वतंत्रता के आनंद पर कुछ प्रतिबंध लगाना आवश्यक है? चर्चा कीजिए। उपयुक्त दृष्टांतों के साथ अपने मत की पुष्टि कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

समाज में सामाजिक सद्भाव के संबंध में स्वतंत्रता के पहलुओं और उनकी सीमाओं पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • स्वतंत्रता के महत्व को परिभाषित कीजिए।
  • स्वतंत्रता पर कुछ प्रतिबंध क्यों आवश्यक हैं? संक्षेप में चर्चा कीजिए।
  • इन प्रतिबंधों को यथोचित क्यों होना चाहिए? विश्लेषण कीजिए।
  • इसे प्रदर्शित करने के लिए उदाहरण भी दीजिए।

निष्कर्ष:

इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

 7. सिविल सेवकों के लिए राजनीतिक रूप से तटस्थ होना क्यों महत्वपूर्ण है? विभिन्न परिस्थितियों में राजनीतिक रूप से तटस्थ सिविल सेवकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालिए एवं उनकी व्याख्या कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 व्याख्या कीजिए- प्रश्न में पूछी गई जानकारी को सरल भाषा में व्यक्त कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

राजनीतिक तटस्थता से आप क्या समझते हैं? परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • समझाइए कि हाल के दिनों में यह देखा गया है कि कई सेवारत सिविल सेवक सोशल मीडिया और अन्य मास मीडिया के माध्यम से अपनी राजनीतिक राय व्यक्त कर रहे हैं। कभी-कभी, वे प्राइम टाइम/टीवी डिबेट में दिखाई देते हैं और सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं। यह सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है।
  • सिविल सेवकों की राजनीतिक भागीदारी के संबंध में संवैधानिक एवं विधिक मानदंडों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  • राजनीतिक तटस्थता सिविल सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण विशेषता क्यों है? चर्चा कीजिए।
  • राजनीतिक रूप से तटस्थ लोक सेवकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर सोदाहरण चर्चा कीजिए।

 निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि भारतीय संविधान ने कार्यपालिका के दोनों अंगों के बीच एक सुसंगत संबंध की परिकल्पना की थी। हालाँकि राजनीति को अस्थायी कार्यपालिका का विशेषाधिकार प्राप्त होना चाहिए, लेकिन सिविल सेवकों को स्वयं को नीतिगत हस्तक्षेपों तक सीमित रखना चाहिए।


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