[ad_1]
HINDI Puucho STATIC QUIZ 2020-2021
Information
Welcome to Insights IAS Static Quiz in HINDI. We have already outlined details of this New Initiative HERE.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
-
Question 1 of 5
भारतीय संविधान में प्रयुक्त ‘गणतंत्र (Republic)’ शब्द के अर्थ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- लोगों में राजनीतिक संप्रभुता का निहित होना न कि किसी एक व्यक्ति में
- किसी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की अनुपस्थिति
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
गणतंत्र (Republic)
- एक लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है- राजतंत्र और गणतंत्र। एक राजतंत्र में, राज्य के मुखिया (आमतौर पर राजा या रानी) को एक वंशानुगत स्थिति प्राप्त होती है, अर्थात वह उत्तराधिकार के द्वारा पद ग्रहण करता है, जैसे, ब्रिटेन। दूसरी ओर, एक गणतंत्र में, राज्य का मुखिया हमेशा एक निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, जैसे, यूएसए।
- हमारी प्रस्तावना में ‘गणतंत्र’ शब्द इंगित करता है कि भारत में एक निर्वाचित प्रमुख होता है जिसे राष्ट्रपति कहा जाता है। वह अप्रत्यक्ष रूप से पांच साल की निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है।
- गणतंत्र के दो अन्य अर्थ भी हैं: एक, लोगों में राजनीतिक संप्रभुता का निहित होना, न कि राजा जैसे किसी एक व्यक्ति में; दूसरा, किसी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की अनुपस्थिति और इसलिए सभी सार्वजनिक पद बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक नागरिक के लिए खुले होते हैं।
Incorrectउत्तर: c)
गणतंत्र (Republic)
- एक लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है- राजतंत्र और गणतंत्र। एक राजतंत्र में, राज्य के मुखिया (आमतौर पर राजा या रानी) को एक वंशानुगत स्थिति प्राप्त होती है, अर्थात वह उत्तराधिकार के द्वारा पद ग्रहण करता है, जैसे, ब्रिटेन। दूसरी ओर, एक गणतंत्र में, राज्य का मुखिया हमेशा एक निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है, जैसे, यूएसए।
- हमारी प्रस्तावना में ‘गणतंत्र’ शब्द इंगित करता है कि भारत में एक निर्वाचित प्रमुख होता है जिसे राष्ट्रपति कहा जाता है। वह अप्रत्यक्ष रूप से पांच साल की निश्चित अवधि के लिए चुना जाता है।
- गणतंत्र के दो अन्य अर्थ भी हैं: एक, लोगों में राजनीतिक संप्रभुता का निहित होना, न कि राजा जैसे किसी एक व्यक्ति में; दूसरा, किसी विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की अनुपस्थिति और इसलिए सभी सार्वजनिक पद बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक नागरिक के लिए खुले होते हैं।
-
Question 2 of 5
दूसरी अनुसूची के तहत परिलब्धियों, भत्तों, विशेषाधिकारों से संबंधित प्रावधान निम्नलिखित किसके लिए हैं:
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक
- संसद सदस्य
- राज्य मंत्री
- राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: c)
परिलब्धियों, भत्तों, विशेषाधिकारों आदि से संबंधित प्रावधान निम्नलिखित किसके लिए हैं:
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्यों के राज्यपाल
- लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- राज्य सभा के सभापति और उपसभापति
- राज्यों में विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- राज्यों में विधान परिषद के सभापति और उपसभापति
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
- भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक
Incorrectउत्तर: c)
परिलब्धियों, भत्तों, विशेषाधिकारों आदि से संबंधित प्रावधान निम्नलिखित किसके लिए हैं:
- भारत के राष्ट्रपति
- राज्यों के राज्यपाल
- लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- राज्य सभा के सभापति और उपसभापति
- राज्यों में विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- राज्यों में विधान परिषद के सभापति और उपसभापति
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
- भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक
-
Question 3 of 5
निम्नलिखित में से भारत के संविधान में वर्णित है/हैं?
- राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होगा।
- संसद में राष्ट्रपति और दो सदन होंगे
- सदन का नेता और विपक्ष का नेता।
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: b)
अनुच्छेद 59 –राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
अनुच्छेद 79 – संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्य सभा और लोकसभा होंगे।
यद्यपि भारत के संविधान में सदन के नेता और विपक्ष के नेता के पदों का उल्लेख नहीं किया गया है, उनका उल्लेख क्रमशः सदन और संसदीय नियमों में किया गया है।
Incorrectउत्तर: b)
अनुच्छेद 59 –राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
अनुच्छेद 79 – संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्य सभा और लोकसभा होंगे।
यद्यपि भारत के संविधान में सदन के नेता और विपक्ष के नेता के पदों का उल्लेख नहीं किया गया है, उनका उल्लेख क्रमशः सदन और संसदीय नियमों में किया गया है।
-
Question 4 of 5
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- क्षमादान की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाएगा।
- संविधान क्षमादान शक्ति का प्रयोग करने वाले राष्ट्रपति के निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाने के लिए तंत्र प्रदान करता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: a)
- क्षमादान की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाएगा।
- संविधान राष्ट्रपति या राज्यपालों के क्षमादान क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने वाले निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाने के लिए किसी तंत्र का प्रावधान नहीं करता है।
- लेकिन एपुरु सुधाकर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार की मनमानी को रोकने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपालों की क्षमादान शक्तियों की न्यायिक समीक्षाका प्रावधान करता है।
Incorrectउत्तर: a)
- क्षमादान की शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद की सलाह पर किया जाएगा।
- संविधान राष्ट्रपति या राज्यपालों के क्षमादान क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने वाले निर्णयों की वैधता पर सवाल उठाने के लिए किसी तंत्र का प्रावधान नहीं करता है।
- लेकिन एपुरु सुधाकर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार की मनमानी को रोकने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपालों की क्षमादान शक्तियों की न्यायिक समीक्षाका प्रावधान करता है।
-
Question 5 of 5
राज्यपाल की क्षमादान शक्तियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- राज्यपाल मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकता।
- राज्यपाल कोर्ट-मार्शल द्वारा दी गयी सजा या सजा के संबंध में क्षमा नहीं दे सकता है।
- राज्यपाल किसी ऐसे मामले से संबंधित किसी भी कानून के खिलाफ किसी अपराध के दोषी व्यक्ति की सजा को माफ नहीं कर सकता, जिस पर राज्य की कार्यकारी शक्ति का विस्तार होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: b)
राज्यपाल की क्षमादान शक्तियाँ:
अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है।
किसी राज्य के राज्यपाल को उस विषय संबंधी, जिस विषय पर उस राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, किसी विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश में निलंबन, परिहार या लघुकरण की शक्ति होगी।
राज्यपाल मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकता। (राष्ट्रपति के पास मृत्युदंड क्षमा करने की शक्ति है)।
कोर्ट-मार्शल द्वारा दी गयी सजा या सजा के संबंध में राज्यपाल क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश में निलंबन, परिहार या लघुकरण नहीं कर सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति ऐसा कर सकता हैं।
Incorrectउत्तर: b)
राज्यपाल की क्षमादान शक्तियाँ:
अनुच्छेद 161 राज्यपाल की क्षमादान शक्ति से संबंधित है।
किसी राज्य के राज्यपाल को उस विषय संबंधी, जिस विषय पर उस राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, किसी विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश में निलंबन, परिहार या लघुकरण की शक्ति होगी।
राज्यपाल मृत्युदंड को क्षमा नहीं कर सकता। (राष्ट्रपति के पास मृत्युदंड क्षमा करने की शक्ति है)।
कोर्ट-मार्शल द्वारा दी गयी सजा या सजा के संबंध में राज्यपाल क्षमा, उसका प्रविलंबन, विराम या परिहार करने की अथवा दंडादेश में निलंबन, परिहार या लघुकरण नहीं कर सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति ऐसा कर सकता हैं।
Join our Official Telegram Channel HERE for Motivation and Fast Updates
Subscribe to our YouTube Channel HERE to watch Motivational and New analysis videos
[ad_2]