[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 7 जुलाई 2021 – INSIGHTSIAS

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सामान्य अध्ययनI


 

विषय: स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।

1. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने ने भारतीय राष्ट्रवाद को सशक्त किया एवं लोगों को एकीकृत भारत की ओर अग्रसर किया। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express 

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की संक्षिप्त पृष्ठभूमि एवं इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारतीय राष्ट्रवाद के उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिए।

भारतीय राष्ट्रवाद के निर्माण में उनके योगदानों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

उनके योगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनII


 

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।

2. भारत में अधीनस्थ न्यायिक सेवाओं में भर्ती एवं नियुक्ति में सुधार के रूप में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के कार्यान्वयन में व्यवहार्यता एवं चुनौतियों का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

आधार प्रणाली पर एक संक्षिप्त लेख प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

अखिल भारतीय न्यायिक सेवाओं के विचार की संक्षेप में व्याख्या करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • इस विचार की उत्पत्ति का संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत कीजिए।
  • इसके संवैधानिक परिप्रेक्ष्य पर एक लेख लिखिए।
  • इसके पक्ष एवं विपक्ष दोनों के सन्दर्भ में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  • इससे संबंधित चिंताओं पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

3. भारत एवं अफ्रीका की पूरक क्षेत्रीय प्राथमिकताएं तथा विकसित वैश्विक खाद्य बाजारों में समान भूमिकाएं कृषि क्षेत्र में सहयोग के अनेक अवसर प्रस्तुत करती हैं। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत एवं अफ्रीका के मध्य ऐतिहासिक संबंधों पर एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारत-अफ्रीका कृषि सहयोग पर चर्चा कीजिए।

दोनों देशों के लिए सहयोग के महत्व पर चर्चा कीजिए।

यदि कोई हो तो शामिल चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

4. राजनीतिक रूप से कम सत्तावादी भारतीय राजनीतिक विचारधाराएं एवं सांस्कृतिक प्रथायें चीन के विपरीत समान रूप से राष्ट्रीय निरादर के लिए कम समतावादी हैं। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • चीन ने निरादर के विचार का उपयोग कैसे किया है? स्पष्ट कीजिए।
  • भारतीय राष्ट्रवाद में निरादर की अवधारणा ने कैसे काम किया? समझाइए।

 निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि राष्ट्रीय निरादर को कम करने की व्यावहारिक और नैतिक आवश्यकता एक बुरी बात नहीं हो सकती है, लेकिन देश अपने स्वयं के निरादर के निर्माण से कैसे निपटते हैं, यह उनका भविष्य निर्धारित करेगा।

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

5. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद भी लगातार जारी रहना चिंताजनक है। जांच कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए का विवरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइए कि इसने संचार सेवाओं के जरिए आपत्तिजनक संदेश भेजने पर सजा का प्रावधान किया था।

इससे संबंधित चुनौतियों पर चर्चा कीजिए। इसके समाधान के लिए उपाय सुझाइए।

निष्कर्ष:

इस समस्या को हल करने के लिए समाधान की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सा.अ.2– स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

सा.अ.3– विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग तथा दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।

 6. पशुओं के साथ अपने जुड़ाव की शुरुआत से ही जूनोटिक रोगों ने मानव जाति को कैसे प्रभावित किया है? स्पष्ट कीजिए। भविष्य की महामारियों के जोखिम एवं इसके प्रभाव को कम करने के लिए कौन से संभावित कदम उठाए जाने चाहिए? समझाइए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

जूनोटिक रोग क्या हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइए कि जूनोटिक रोगों के कारण मानव जीवन एवं गतिविधियों में बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा करने की संभावना के बारे में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की विनाशकारी क्षमता की समस्या अब तक नीति निर्माताओं और संसाधन आवंटनकर्ताओं से आवश्यक समर्थन प्राप्त करने में विफल रही है।

जूनोटिक रोग के पैमाने में वृद्धि एवं इसके प्रसार के कारणों पर चर्चा कीजिए।

भविष्य की महामारियों के जोखिम और इसके प्रभाव को कम करने के लिए क्या संभव कदम उठाए जाने चाहिए? सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि हमें अपनी सभी तैयारियों और प्रतिक्रियाओं को लक्षित करने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है और भविष्य की महामारियों के जोखिम को कम करने के लिए प्रकृति के साथ अपने टूटे हुए संबंधों की मरम्मत शुरू करने की आवश्यकता है।

 


सामान्य अध्ययनIV


 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

 7. प्रभावी संकट प्रबंधन में नेतृत्व के महत्व को उपयुक्त दृष्टांतों के साथ समझाइए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

नेता किसे कहते हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • प्रभावी संकट प्रबंधन में नेतृत्व के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  • नेतृत्व के महत्वपूर्ण लक्षणों के महत्व को पहचानिए एवं उन पर प्रकाश डालिए।
  • कोविड -19 प्रेरित महामारी का उदाहरण दीजिए एवं इस संकट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

संकट प्रबंधन में नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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