[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 21 दिसंबर 2021 – INSIGHTSIAS

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How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: सामाजिक सशक्तिकरण।

1. हालांकि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 एक ऐतिहासिक कदम था लेकिन दिव्यांगजनों के लिए समावेशिता एवं पहुंच हासिल करने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Indian Express

निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:  

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख कीजिए।

यह समावेशिता एवं पहुंच को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम कैसे था? समझाइए।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की विभिन्न कमियों एवं भारत में दिव्यांगजनों के सामने आने वाली अतिरिक्त बाधाओं का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

समावेशिता प्राप्त करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ।

2. हाल के दिनों में, संघवाद को चुनौती देने वाली केंद्रीकरण की शक्तियों की बढ़ती प्रवृत्तियों को देखा गया एवं महामारी के दौरान इसे और अधिक उजागर किया गया। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

संघवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

महामारी से पहले भारत में देखी गई केंद्रीकरण प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

महामारी की प्रतिक्रिया ने भारत में केंद्रीकरण की प्रवृत्तियों को कैसे बढ़ावा दिया है? इसके प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

इन प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए उपायों का सुझाव दीजिए।

उपर्युक्त की पुष्टि करने के लिए महामारी प्रतिक्रिया से उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

3. मध्य एशिया न केवल अफगान संकट में एक प्रमुख हितधारक है बल्कि उचित भू-राजनीतिक अंशांकन के साथ यह संकट से निपटने के लिए भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभर सकता है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Indian Express , The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

मध्य एशिया के साथ भारत के संबंधों का ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

मध्य एशियाई क्षेत्र में भारत के आर्थिक हितों का उल्लेख कीजिए।

विशेष रूप से अफगानिस्तान में हाल ही में हुए परिवर्तनों के संबंध में क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले दीर्घकालिक सुरक्षा खतरों के बारे में लिखिए।

इस क्षेत्र में विभिन्न भू-राजनीतिक धाराओं एवं मध्य एशियाई देशों को अफगान संकट से निपटने के लिए एक प्रमुख भागीदार बनाने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

भारत-मध्य एशिया संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

4. लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) अनियमित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के परिणामस्वरूप अनेक असुरक्षित प्रजातियों के अति-शोषण को रोकता है लेकिन इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक एकीकृत एवं समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

सन्दर्भ: Environment by Shankar

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सीआईटीईएस एवं इसके लक्ष्यों तथा उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

कुछ नियंत्रणों के लिए चयनित प्रजातियों के नमूनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अधीन सीआईटीईएस के कार्यों का वर्णन कीजिए।

सीआईटीईएस के तीनों परिशिष्टों का उल्लेख कीजिए।

सीआईटीईएस द्वारा सामना की गई आलोचनाओं का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

5. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं तथा यह इस तथ्य का एक प्रेरक उदाहरण प्रदान करता है कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अपने सर्वोत्तम स्तर पर क्या प्राप्त कर सकता है। विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: Environment by Shankar

 निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

वियना अभिसमय एवं उसके बाद के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के बारे में लिखते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को सर्वाधिक सफल वैश्विक जलवायु संधि बनाने के कारणों पर प्रकाश डालिए।

इस सन्दर्भ में भारत के प्रदर्शन के बारे में लिखिए।

भारत के प्रदर्शन के संबंध में आँकड़े प्रस्तुत कीजिए एवं इसकी कमियों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

मॉन्ट्रियल की सफलता से सीखने एवं अन्यत्र अनुकरण करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम।

6. नैतिक रूप से गलत कार्रवाई से नैतिक रूप से सही कार्रवाई के मध्य अंतर स्पष्ट करने वाले निर्धारक तत्व कौन-कौन से हैं? समझाइए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण: डी.के. बालाजी।

 निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

यह समझाते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए कि मानव क्रिया स्वतंत्र इच्छा पर नहीं बल्कि विभिन्न कारकों द्वारा निर्धारित होती है।

 विषय वस्तु:  

किसी व्यक्ति की कार्रवाई की नैतिकता परिस्थिति के अनुसार कैसे बदलती है? वर्णन कीजिए।

इसके विभिन्न निर्धारक तत्वों का उल्लेख कीजिए।

उपरोक्त की बेहतर प्रस्तुति के लिए फ्लो- चार्ट का प्रयोग कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि एक निश्चित नैतिक निर्माण वाले व्यक्ति को अनेक बाधाओं से गुजरना पड़ता है, जो उसके कार्य को पूरी तरह से बदल सकती है।

 

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. अंतःकरण के संकट से आप क्या समझते हैं? सोदाहरण विस्तार से समझाइए। (150 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

 निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

अंतःकरण के संकट को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

विषय वस्तु:  

इस सन्दर्भ में उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

अंतःकरण के संकट को प्रबंधित करने के उपायों पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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