[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 14 दिसंबर 2021 – INSIGHTSIAS

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How to Follow Secure Initiative?

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

1. काशी की ऐतिहासिकता पर विशेष बल देते हुए स्थापत्य कला की नागर शैली की विभिन्न विशेषताओं की व्याख्या कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ: New Indian Express , The Hindu

निर्देशक शब्द:

 व्याख्या कीजिए- प्रश्न में पूछी गई जानकारी को सरल भाषा में व्यक्त कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्राचीन भारत में नागर शैली के उद्भव पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

नागर शैली की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए एक आरेख प्रस्तुत कीजिए।

नागर शैली में निर्मित कुछ महत्वपूर्ण मंदिरों का उल्लेख कीजिए।

काशी के ऐतिहासिक महत्व के बारे में लिखिए।

निष्कर्ष:

काशी की समृद्ध विरासत को भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ सारांशित करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।

2. भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली निस्संदेह सही दिशा में एक कदम है लेकिन लोकपाल को प्रभावी ढंग से संचालित करने में विफलता एक बड़ी चिंता है। समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: The Print

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में लोकपाल के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के अनुसार भारत में लोकपाल की विभिन्न भूमिकाओं एवं उत्तरदायित्वों पर चर्चा कीजिए।

भारत में लोकपाल से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में लिखिए।

उपरोक्त के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

लोकपाल को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।

3. जनजातीय समूह सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं, इसलिए सभी के लिए एक ही उपयुक्त दृष्टिकोण काम नहीं करेगा। भारत में जनजातीय समुदायों के विकास के उद्देश्य से विभिन्न नीतियों का मूल्यांकन कीजिए। 250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Down to Earth

 निर्देशक शब्द:

 मूल्यांकन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है की वह कथन अथवा विषय के महत्व को रेखांकित करते हुए उसकी समग्र उपयोगिता बताये।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में जनजातियों की विविधता पर विचार प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए। भारत में जनजातीय जनसंख्या के आँकड़े प्रस्तुत कीजिए।

 विषय वस्तु:

उन जनजातीय समूहों के बारे में विस्तार से समझाइए, जो सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं। पीवीटीजी आदि के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

भारत में आदिवासियों के समक्ष उपस्थित विभिन्न समस्याओं का उल्लेख कीजिए।

सरकार द्वारा अपनाए गए विभिन्न उपायों एवं हाल की योजनाओं का उल्लेख कीजिए। जनजातीय विकास के लिए हाल ही में प्रारम्भ की गई विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख कीजिए।

उपरोक्त की सफलताओं एवं सीमाओं का मूल्यांकन कीजिए।

निष्कर्ष:

जनजातीय विकास के बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

4. भारत में औषधीय पौधों के संभावित अनुप्रयोग क्या हैं? भारत में औषधीय पौधों की प्रमुख प्रजातियों में कमी के कारणों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: Environment by Shankar

निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में अनादि काल से औषधीय पौधों के उपयोग एवं भंडारण का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

औषधीय पौधों के लाभों के बारे में लिखिए।

कुछ प्रमुख प्रजातियों के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

प्रमुख औषधीय पादप प्रजातियों में कमी के कारणों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

पारंपरिक औषधीय पौधों के संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

5. एक आक्रामक विदेशी प्रजाति परिवर्तन का एक एजेंट है एवं देशी जैव विविधता के लिए खतरा है तथा इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। जांच कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ:  Environment by Shankar

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

“आक्रामक विदेशी प्रजाति” शब्द की व्याख्या करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

विषय वस्तु:

उनके द्वारा उत्पन्न विभिन्न खतरों की व्याख्या कीजिए।

उपरोक्त के सन्दर्भ में उदाहरण प्रस्तुत कीजिए एवं भारत में आक्रामक प्रजातियों द्वारा उत्पन्न क्षति का परिदृश्य प्रस्तुत कीजिए।

इस दिशा में विभिन्न सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदमों का सुझाव देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: साइबर सुरक्षा का आधारभूत ज्ञान।

6. ‘नवीन भारत’ को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए साइबर-उत्तरदायी व्यवसायों, सरकार एवं नागरिकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ साइबर जोखिमों की पहचान की जानी चाहिए तथा प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाना चाहिए। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Live Mint

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत के साथ ‘नवीन भारत’ का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

भारत में विभिन्न साइबर हमलों के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

साइबर हमलों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाने के लिए आंकड़े प्रस्तुत कीजिए।

नागरिक, सरकार एवं व्यावसायिक स्तरों पर साइबर सुरक्षा खतरों की पहचान करने और उन्हें बेअसर करने के विभिन्न तरीकों का उल्लेख कीजिए।

सभी स्तरों पर एक उत्तरदायी व्यवहार एवं साइबर जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: नैतिकता की अवधारणाओं के सन्दर्भ में भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. सार्वजनिक सेवा में हितों का टकराव क्या है? इसे प्रबंधित करने के क्या तरीके हैं? (150 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

हितों के टकराव को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

विषय वस्तु:  

इसे दर्शाने के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

हितों के टकराव को दूर करने के तरीकों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

हितों के टकराव से बचने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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