[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 13 दिसंबर 2021 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

1. विजयनगर काल को दक्षिण भारत में साहित्य का स्वर्ण युग क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

 सन्दर्भ: New Indian Express

निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

कला एवं वास्तुकला के महान संरक्षक विजयनगर शासकों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:  

कन्नड़, तेलुगु, संस्कृत एवं तमिल साहित्य के विकास के बारे में लिखिए, जिन्होंने जैन, वीरशैव और वैष्णव परंपराओं में लेखन कार्य किया।

भारतीय संस्कृति, धर्म, जीवनी, प्रबंध (कहानियां), संगीत, व्याकरण, काव्य और चिकित्सा के सभी पहलुओं पर सैकड़ों कार्यों का निर्माण करने की अवधि के बारे में लिखिए। विभिन्न कवियों और संतों और उनके सबसे प्रसिद्ध कार्यों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

दक्षिण भारत में साहित्य के स्वर्ण युग के रूप में विजयनगर काल के बारे में संक्षेप में चर्चा करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

2. फाह्यान के अवलोकन हमें प्राचीन भारत की सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति को समझने में सहायता करते हैं। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत की यात्रा करने वाले चीनी तीर्थयात्री फाह्यान के बारे में एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

फाह्यान के विभिन्न सामाजिक-धार्मिक अवलोकनों के बारे में विस्तार से लिखिए।

फाह्यान के विवरण की कुछ सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

फाह्यान के कार्यों के ऐतिहासिक महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।

3. अफ़ग़ानिस्तान के साथ अतीत के भारत के वास्तविक जुड़ाव का उद्देश्य एक स्थिर राजनीति की प्राप्ति थी एवं यह सबसे व्यवहार्य विकल्प बना हुआ है क्योंकि अफगानिस्तान अपने अशांत राजनीतिक विकास के एक नवीन चरण में प्रवेश कर रहा है। जांच कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

अफगानिस्तान में राजनीतिक सत्ता के प्रतिमान बदलाव एवं भारत पर इसके प्रभावों का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

एक फ्लो चार्ट का उपयोग करते हुए अब तक के भारत-अफगान संबंधों पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।

अफगानिस्तान में भारत के सामरिक हितों के बारे में लिखिए।

भारत को तालिबान के साथ कूटनीतिक रूप से संलग्न होने और उसकी अफगान नीति में नए बदलावों को शामिल करने के कारणों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए संलग्न होने की आवश्यकता क्यों है? आगे की राह  बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

4. भारत में सहकारी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण वितरण के लिए रीढ़ की हड्डी हैं। हालांकि, सहकारी बैंकों को बेहतर ढंग से विनियमित एवं पर्यवेक्षित करने के लिए, आरबीआई को अपनी पर्यवेक्षी क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द: 

स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सहकारी बैंकों की स्थापना के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारत में सहकारी बैंकों के विभिन्न लाभों का उल्लेख कीजिए, विशेष रूप से ग्रामीण ऋण के वितरण के संबंध में।

सहकारी बैंकों से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डालिए। पीएमसी बैंक और इसी प्रकार की अन्य विफलताओं के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

आरबीआई द्वारा अपनी पर्यवेक्षी क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

बैंकिंग पर आरबीआई के सख्त एवं स्पष्ट नियामक पर्यवेक्षण के लिए एक आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

5. जैव विविधता का संरक्षण न केवल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक अनेक वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करता है बल्कि इसलिए भी कि यह स्थानीय लोगों को आजीविका प्रदान करने से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

जैव विविधता को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

विषय वस्तु:

मानव के लिए जैव-विविधता महत्वपूर्ण क्यों है? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए।

जैव विविधता एवं आजीविका के अनेक साधनों के मध्य संबंधों पर प्रकाश डालिए। विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

जैव विविधता के महत्व पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

6. लोगों एवं पशुओं के मध्य संघर्ष कई प्रजातियों के निरंतर अस्तित्व के लिए मुख्य खतरों में से एक है। मानव-पशु संघर्ष के बढ़ते मामलों के कारणों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ:  Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

मानव-पशु संघर्षों से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिए।

इस दिशा में विभिन्न सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

इस समस्या को हल करने के लिए समाधान बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. निरपवाद कर्तव्यादेश (categorical imperative) हमें नैतिक कार्यों का मूल्यांकन करने एवं नैतिक निर्णय निर्धारण का एक तरीका प्रदान करता है। चर्चा कीजिए। (150 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: plato.stanford.edu

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

इमैनुएल कांट के निरपवाद कर्तव्यादेश (categorical imperative) को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

विषय वस्तु:  

निरपवाद कर्तव्यादेश पर अपनी समझ को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।

सार्वभौमिक नैतिक सिद्धांत आदि के बारे में अपने विचारों को सोदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निरपवाद कर्तव्यादेश गलत कार्यों से उचित नैतिक कार्यों का न्याय करने का एक ढांचा प्रदान कैसे करता है? स्पष्ट कीजिए।

निष्कर्ष:

अपने विचारों का संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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