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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE
सामान्य अध्ययन– I
विषय: विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए)।
1. हिमालय न केवल भौतिक अवरोध है बल्कि यह एक जलवायु, जल निकासी एवं सांस्कृतिक विभाजन भी है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: कक्षा-XI एनसीईआरटी: भारत भौतिक पर्यावरण।
निर्देशक शब्द:
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं की विशिष्टता के साथ-साथ हिमालय भारत के भौतिक अवरोध के रूप में कैसे कार्य करता है, प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
हिमालय मानसून के संबंध में भारतीय जलवायु के प्रभाव को कैसे सहन करता है और भारत को ठंडे तूफानों से कैसे बचाता है? विस्तार से समझाइए।
जल निकासी व्यवस्था पर हिमालय पर्वत के प्रभावों एवं भारत के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
हिमालय द्वारा लाए गए सांस्कृतिक विभाजन का आकलन कीजिए।
निष्कर्ष:
भारत के भौगोलिक संदर्भ में हिमालय द्वारा निभाई जाने वाली समग्र भूमिका पर बल देते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए)।
2. भारत के उत्तरी मैदानों के क्षेत्रीय प्रभागों पर प्रकाश डालिए एवं उनकी भू-आकृतिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए। उत्तरी मैदान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? समझाइए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: कक्षा-XI एनसीईआरटी: भारत भौतिक पर्यावरण।
निर्देशक शब्द:
वर्णन कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत के उत्तरी मैदान एवं उसकी संरचना के बारे में उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत के उत्तरी मैदान के क्षेत्रीय विभाजन पर प्रकाश डालिए एवं उसे संक्षेप में समझाइए।
भू-आकृतिक संबंधी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए एवं उसे संक्षेप में समझाइए।
इनके महत्व पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
उत्तरी मैदानों के समग्र महत्व का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
3. आधुनिक भारत की नींव रखने में जवाहरलाल नेहरू के योगदान का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
स्वतंत्रता संग्राम में नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दीजिए एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
नेहरू के योगदान के विभिन्न पहलुओं के बारे में लिखिए एवं समझाइए कि ये सामाजिक गतिशीलता में आज भी प्रासंगिक कैसे हैं।
निष्कर्ष:
उपर्युक्त बिंदुओं को संक्षेप में समझाइए एवं नेहरू का भारत के भाग्य के साथ प्रयास आज तक प्रासंगिक कैसे बना हुआ है, समझाते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
4. नवीन राष्ट्रीय रोजगार नीति को अधिक युवा वयस्कों के उच्च शिक्षा में प्रवेश एवं रोजगार की बढ़ती आकांक्षाओं के साथ उनकी शैक्षिक प्रोफ़ाइल से मेल नहीं खाने की प्रवृत्तियों को समायोजित करना चाहिए। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Live Mint
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
उच्च शिक्षा में प्रवेश करने वाले वयस्कों एवं उनकी बढ़ती नौकरी की आकांक्षाओं के बारे में तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
नवीन राष्ट्रीय रोजगार नीति द्वारा संबोधित किए जाने वाले विभिन्न कारकों का उल्लेख कीजिए।
स्नातकों के रोजगार योग्यता कारक एवं बनाए जाने वाले कॉलेज-उद्योग संबधों पर प्रकाश डालिए।
स्टार्टअप एवं उद्यमियों की प्रवृत्ति का उल्लेख कीजिए एवं समझाइए कि कैसे नीति उनकी सहायता कर सकती है।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि नई नीति को एक स्थिर और संतोषजनक नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं की वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।
विषय: समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
5. भारत में उच्च गिनी गुणांक के कारण एवं इसके प्रभावों का विश्लेषण कीजिए। इससे निपटने के लिए किन उपायों की आवश्यकता है? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
गिनी गुणांक का प्रतिनिधित्व करने वाले कारकों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत में बढ़ती असमानताओं के विभिन्न कारकों की व्याख्या कीजिए।
राष्ट्रीय विकास पर ऐसी असमानताओं के प्रभाव, सामाजिक घर्षण, एसडीजी आदि में बाधा पर चर्चा कीजिए।
इस संबंध में उठाए गए आवश्यक कदमों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
6. हालांकि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए एक आवश्यक घटक है लेकिन वामपंथी उग्रवाद के प्रसार में अन्य महत्वपूर्ण कारक भी हैं, जिन पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत में वामपंथी उग्रवाद के मुद्दों एवं इसके प्रसार पर एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
भारत में वामपंथी उग्रवाद से सम्बंधित सुरक्षा खतरों एवं ज्यादतियों को नियंत्रण में रखने के लिए एक मजबूत जवाबी रणनीति की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।
वामपंथी उग्रवाद के मूल कारण के रूप में अविकसितता का विश्लेषण कीजिए एवं इस मुद्दे के समाधान के लिए एक विकासात्मक दृष्टिकोण का सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष निकालिए कि वामपंथी उग्रवाद के मुद्दे को संबोधित करने के लिए विकास के साथ-साथ सख्त प्रवर्तन के मध्य एक अच्छा संतुलन होना आवश्यकता है।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम।
7. कर्तव्यवाद नैतिकता (Deontological Ethics) पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि: लेक्सिकन प्रकाशन।
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कर्तव्यवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।
विषय वस्तु:
समझाइए कि कर्तव्यवाद कर्तव्य-नैतिकता है, इसलिए यह किसी व्यक्ति के कार्यों की तुलना किसी कर्तव्य या अनिवार्यता से करता है। इसके पीछे के तर्क की विवेचना कीजिए।
कर्तव्यवाद नैतिकता के महत्व के बारे में लिखिए एवं उपयुक्त दृष्टांतों के साथ इसकी व्याख्या कीजिए।
निष्कर्ष:
इसके महत्व को सारांशित करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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