[MISSION 2023] सिक्योर : दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 21 जून 2022 – PuuchoIAS


 

How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: भारतीय संस्कृति, जिसमें प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।

  1. त्रिपक्षीय संघर्ष के अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक परिणामों का परीक्षण कीजिए। क्या आपको लगता है कि प्रारंभिक मध्यकालीन भारत में त्रिपक्षीय संघर्ष ने आक्रमणों का मार्ग प्रशस्त किया? (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: Insights on India

निर्देशक शब्द: 

परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए। 

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

त्रिपक्षीय संघर्ष का संदर्भ प्रस्तुत कीजिए एवं इसमें भाग लेने वाले पक्षों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

विषय वस्तु:

त्रिपक्षीय संघर्ष के अल्पकालिक प्रभावों का उल्लेख कीजिए।

त्रिपक्षीय संघर्ष के दीर्घकालिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।

भारत के आक्रमणों में त्रिपक्षीय संघर्ष ने किस सीमा तक भूमिका निभाई? स्पष्ट कीजिए। 

निष्कर्ष:

एक संतुलित निर्णय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

  

विषय: भारतीय संस्कृति, जिसमें प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे। 

  1. शरीर, मन एवं आत्मा को संतुलन में लाने में योग की भूमिका पर चर्चा कीजिए। यह कोविड के बाद की दुनिया में मानवता को आगे बढ़ाने में कैसे सहायता कर सकता है? (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Indian Express 

निर्देशक शब्द: 

चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें। 

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

प्राचीन भारत में योग की उत्पत्ति को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

विषय वस्तु:

शरीर, मन एवं आत्मा को संतुलन में लाकर योग करने से मिलने वाले लाभों का वर्णन कीजिए।

कोविड के बाद की दुनिया में मानवता को आगे बढ़ाने में योग की भूमिका पर प्रकाश डालिए। 

निष्कर्ष:

उपर्युक्त का संक्षेपण करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना। 

  1. कभी-कभी, न्यायपालिका विधायिका की भूमिका ग्रहण कर लेती है एवं उन नए कानूनों तथा विनियमों का प्रस्ताव करती है, जिन्हें विधायी निकाय द्वारा अधिनियमित करना चाहिए था। हालाँकि, हो सकता है कि न्यायपालिका ने शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया हो। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: कठिन             

सन्दर्भ: The Hindu , Insights on  India 

निर्देशक शब्द:

समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

परिचय:

न्यायिक सक्रियता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

न्यायिक सक्रियता की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।

ऐसे विभिन्न उदाहरणों का उल्लेख कीजिए, जहाँ न्यायिक सक्रियता ने कार्यपालिका एवं विधायिका की सीमाओं को पार कर लिया हो।

न्यायिक सक्रियता इसे न्यायिक अतिरेक एवं इसके प्रभाव को कैसे परिवर्तित कर सकती है? स्पष्ट कीजिए।

न्यायिक सक्रियता को अतिरेक बनने से रोकने के तरीकों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

  1. हालाँकि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) ने भारत में दिवाला समाधान के इतिहास में सफलतापूर्वक एक नए युग की शुरुआत की है लेकिन दिवाला फर्मों से समाधान एवं वसूली में तेजी लाने के लिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: मध्यम 

सन्दर्भ: Live Mint , Insights on India

निर्देशक शब्द: 

विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए। 

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

विषय वस्तु:

दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) की विशेषताओं एवं इसकी शुरुआत के बाद से इसकी विभिन्न उपलब्धियों को सूचीबद्ध कीजिए।

दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के निष्पादन में शामिल विभिन्न सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

देश के पूंजी निर्माण एवं आर्थिक विकास में दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) प्रदर्शन की सहायक भूमिका को मजबूत करने के लिए आवश्यक सुधारों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए। 

  

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

  1. एकल उपयोग प्लास्टिक क्या है एवं इससे सम्बंधित चिंताएं क्या हैं? इसे देश में सफलतापूर्वक कैसे समाप्त किया जा सकता है? (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: सरल 

सन्दर्भ: Indian Express , Insights on India

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

एकल उपयोग प्लास्टिक को परिभाषित कीजिए एवं भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

विषय वस्तु:

एकल उपयोग प्लास्टिक से सम्बंधित चिंताओं का वर्णन कीजिए।

उन उपायों के बारे में लिखिए, जिनसे देश में एकल उपयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सकता है एवं इसके सफल प्रतिबंध को सुनिश्चित किया जा सकता है। 

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए। 

 

विषय: धन शोधन एवं इसकी रोकथाम।

  1. काले धन के खतरे को समाप्त करने के लिए अनेक प्रयासों के बावजूद यह भारत के लिए एक ‘अनसुलझी समस्या’ बनी हुई है। काला धन देश को कैसे प्रभावित करता है? इसे समाप्त करने के लिए आवश्यक उपायों की विवेचना कीजिए। (250 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ:  Indian Express , Insights on India

 निर्देशक शब्द: 

विवेचना कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न के सभी पक्षों की तार्किक व्याख्या कीजिए।

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

भारत में काले धन का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए। 

विषय वस्तु:

भारत में काले धन से निपटने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।

काले धन की समस्या को समाप्त करने की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

विभिन्न पहलुओं पर काले धन के प्रभाव के बारे में लिखिए।

देश में काले धन की समस्या को समाप्त करने के लिए आवश्यक उपायों के बारे में लिखिए। 

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना। 

  1. आपको क्या लगता है कि एक सिविल सेवक के प्रमुख नैतिक गुण क्या हैं? इन पर कैसे अमल किया जा सकता है? (150 शब्द) 

प्रश्न का स्तर: मध्यम

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

अपने अनुसार सिविल सेवकों के प्रमुख नैतिक मूल्यों की भूमिका का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए। 

विषय वस्तु:

सिविल सेवकों के नैतिक मूल्यों को सूचीबद्ध कीजिए एवं उनकी आवश्यकता के औचित्य पर प्रकाश डालिए।

इन नैतिक मूल्यों को सिविल सेवकों के मध्य कैसे विकसित किया जाए ताकि वे नैतिक एवं कुशल बने रहें? समझाइए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

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