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सामान्य अध्ययन– I
विषय: भारतीय संस्कृति, जिसमें प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य एवं वास्तुकला के प्रमुख पहलू शामिल होंगे।
- विजयनगर स्थापत्य शैली चालुक्य, होयसल, पांड्य एवं चोल शैलियों का एक संयोजन है, जो सदियों में विकसित हुई थी एवं इसकी विशेषता अतीत की सरल तथा निर्मल कला की वापसी है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
कला एवं वास्तुकला के महान संरक्षक, विजयनगर के शासकों का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
विजयनगर वास्तुकला की विभिन्न विशेषताओं एवं उनकी प्रगति का उल्लेख कीजिए।
विजयनगर वास्तुकला की अद्वितीय विशेषताओं एवं उस पर अन्य प्रभावों जैसे पुर्तगाली तथा इस्लामी प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
विजयनगर की वास्तुकला की समग्र प्रकृति पर टिप्पणी करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की प्रमुख विशेषताएँ।
- महासागरीय धाराओं के निर्माण के लिए उत्तरदायी प्राथमिक एवं द्वितीयक कारकों की व्याख्या कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
व्याख्या कीजिए- प्रश्न में पूछी गई जानकारी को सरल भाषा में व्यक्त कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
महासागरीय धाराओं को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
प्रमुख महासागरीय धाराओं को दर्शाने वाला एक लघु निदर्शी चित्र प्रस्तुत कीजिए।
इनके निर्माण के लिए उत्तरदायी प्राथमिक एवं द्वितीयक कारकों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
महासागरीय धाराओं के महत्व का संक्षेप में वर्णन करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- क्वाड (QUAD) चार देशों के मध्य अनेक पहलों का केंद्र बिंदु बन गया है क्योंकि वे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र एवं खुला रखना चाहते हैं। क्या हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बाह्य संघर्ष से क्वाड (QUAD) की एकजुटता को खतरा होगा? विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
क्वाड के लक्ष्य एवं उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
क्वाड की पहलों का उल्लेख कीजिए।
इससे सम्बंधित चुनौतियों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
उपर्युक्त चुनौतियों को दूर करने एवं उनके सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
- मध्यम-आय जाल से आप क्या समझते हैं? समान एवं निरंतर विकास सुनिश्चित करने के लिए भारत इस जाल से कैसे बच सकता है? (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
उत्तर की संरचना:
परिचय:
मध्यम-आय जाल को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।
विषय वस्तु:
मध्यम-आय जाल के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख कीजिए एवं इससे संबंधित तथ्यों तथा आंकड़ों के साथ इसकी पुष्टि कीजिए।
मध्यम-आय के जाल का सामना कर रहे देशों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
मध्यम-आय के जाल से बचने के लिए अपनाए जा सकने वाले विभिन्न उपायों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायिकी एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे; सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएं एवं सुधार।
- खाद्य सुरक्षा पर एक सुसंगत नीति के अभाव के कारण भारत न केवल भोजन की कमी के खतरे का सामना कर रहा है बल्कि इससे कृषि निर्यात भी प्रभावित हो रहा है। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
सन्दर्भ: The Hindu , The Hindu
निर्देशक शब्द:
परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
प्रश्न के संदर्भ से संबंधित प्रमुख तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के बावजूद भारत द्वारा भूख एवं खाद्य असुरक्षा की समस्याओं का सामना किए जाने के कारणों का वर्णन कीजिए।
खाद्य सुरक्षा पर सुसंगत नीति के अभाव के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
इस संबंध में आवश्यक विभिन्न उपायों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन।
6. जैव विविधता वर्तमान एवं भविष्य के मानव स्वास्थ्य, कल्याण एवं आर्थिक समृद्धि का आधार है। फिर भी इसे अभूतपूर्व एवं तीव्र गति से नष्ट किया जा रहा है। जैव विविधता के संरक्षण के लिए ‘प्रकृति आधारित समाधान’ पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: The Hindu
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
जैव विविधता को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
मानव के लिए जैव-विविधता क्यों महत्वपूर्ण है? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए।
विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
जैव विविधता के समक्ष उपस्थित खतरों का वर्णन कीजिए। सम्बंधित उदाहरणों एवं आँकड़ों के साथ उपर्युक्त की पुष्टि कीजिए।
जैव विविधता एवं इसके महत्व के संरक्षण के उपाय के रूप में ‘प्रकृति आधारित समाधान’ पर चर्चा कीजिए।
निष्कर्ष:
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– IV
विषय: भारत एवं विश्व के नैतिक विचारकों एवं दार्शनिकों का योगदान।
7. नैतिक निर्णय निर्धारण में समस्या के समाधान के लिए अंतर्ज्ञानवाद, नैतिक आदर्शवाद एवं उपयोगितावाद के तीन आधारभूत सिद्धांतों का उपयोग किया जा सकता है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्द)
प्रश्न का स्तर: कठिन
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
नैतिक निर्णय निर्धारण की व्याख्या करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तु:
नैतिक निर्णय निर्धारण में अंतर्ज्ञानवाद के उपयोग के बारे में लिखिए।
नैतिक निर्णय निर्धारणमें नैतिक आदर्शवाद के उपयोग के बारे में लिखिए।
नैतिक निर्णय निर्धारण में उपयोगितावाद के उपयोग के बारे में लिखिए।
निष्कर्ष:
नैतिक निर्णय निर्धारण के संबंध में एक संतुलित राय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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