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HINDI Puucho STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- लोगों के पोषण और जीवन स्तर को बढ़ाना संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत राज्य का प्राथमिक कर्तव्य है।
- अनुच्छेद 47 में मादक पेय के औषधीय प्रयोजनों और अन्य दवाओं के अलावा जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, के लिए निषेध का प्रावधान है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
Correctउत्तर: c)
अनुच्छेद 47: राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा।
Incorrectउत्तर: c)
अनुच्छेद 47: राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया, मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा।
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Question 2 of 5
संसद निम्नलिखित किसकी सहमती से अंतर्राष्ट्रीय समझौतों, संधियों और सम्मेलनों को प्रभावी करने के लिए राज्य सूची में शामिल विषयों पर कानून बना सकती है
Correctउत्तर: d)
अनुच्छेद 253: इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, करार या अभिसमय अथवा किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, संगम या अन्य निकाय में किए गए किसी विनिश्चय के कार्यान्वयन के लिए भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए कोई विधि बनाने की शक्ति है।
Incorrectउत्तर: d)
अनुच्छेद 253: इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, करार या अभिसमय अथवा किसी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, संगम या अन्य निकाय में किए गए किसी विनिश्चय के कार्यान्वयन के लिए भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए कोई विधि बनाने की शक्ति है।
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Question 3 of 5
भारतीय संविधान में आपात प्रावधानों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- राष्ट्रपति द्वारा घोषित सभी प्रकार के आपात को संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
- वित्तीय आपात अनिश्चित काल तक लागु रहता है जब तक कि राष्ट्रपति इसे रद्द नहीं कर देता।
- राष्ट्रीय आपात के मामले में, संसद और राज्य की विधायिका के आधे सदस्यों की स्वीकृति आवश्यक है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correctउत्तर: b)
राष्ट्रीय आपात के लिए संसद की ही मंजूरी लेनी पड़ती है।
Incorrectउत्तर: b)
राष्ट्रीय आपात के लिए संसद की ही मंजूरी लेनी पड़ती है।
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Question 4 of 5
विशेषाधिकार प्रस्ताव (privilege motion) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसे केवल लोकसभा में प्रस्तावित किया जा सकता है।
- कोई भी नोटिस हाल की घटना से संबंधित होना चाहिए।
- अध्यक्ष विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच का प्रथम स्तर होता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: c)
लोकसभा नियमवाली के अध्याय 20 की नियम संख्या 222 और राज्यसभा की नियमवाली के अध्याय 16 की नियम संख्या 187 विशेषाधिकार को नियंत्रित करती है। इसमें कहा गया है कि अध्यक्ष या सभापति की सहमति से कोई सदस्य, सदस्य या सदन या उसकी किसी समिति के विशेषाधिकार के उल्लंघन से संबंधित प्रश्न उठा सकता है। हालांकि नियम यह कहते हैं कि किसी भी नोटिस को हाल की घटना से संबंधित होना चाहिए और उस पर सदन द्वारा हस्तक्षेप करना चाहिए।
अध्यक्ष / राज्यसभा के सभापति की क्या भूमिका है?
अध्यक्ष / सभापति विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच करने वाला पहला स्तर होता है। अध्यक्ष / सभापति स्वयं विशेषाधिकार प्रस्ताव पर निर्णय ले सकते हैं या इसे संसद की विशेषाधिकार समिति को संदर्भित कर सकते हैं। यदि अध्यक्ष / सभापति नियम 222 के तहत सहमति देते हैं, तो संबंधित सदस्य को एक लघु वक्तव्य देने का अवसर दिया जाता है।
Incorrectउत्तर: c)
लोकसभा नियमवाली के अध्याय 20 की नियम संख्या 222 और राज्यसभा की नियमवाली के अध्याय 16 की नियम संख्या 187 विशेषाधिकार को नियंत्रित करती है। इसमें कहा गया है कि अध्यक्ष या सभापति की सहमति से कोई सदस्य, सदस्य या सदन या उसकी किसी समिति के विशेषाधिकार के उल्लंघन से संबंधित प्रश्न उठा सकता है। हालांकि नियम यह कहते हैं कि किसी भी नोटिस को हाल की घटना से संबंधित होना चाहिए और उस पर सदन द्वारा हस्तक्षेप करना चाहिए।
अध्यक्ष / राज्यसभा के सभापति की क्या भूमिका है?
अध्यक्ष / सभापति विशेषाधिकार प्रस्ताव की जांच करने वाला पहला स्तर होता है। अध्यक्ष / सभापति स्वयं विशेषाधिकार प्रस्ताव पर निर्णय ले सकते हैं या इसे संसद की विशेषाधिकार समिति को संदर्भित कर सकते हैं। यदि अध्यक्ष / सभापति नियम 222 के तहत सहमति देते हैं, तो संबंधित सदस्य को एक लघु वक्तव्य देने का अवसर दिया जाता है।
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Question 5 of 5
अनुदान की मांगों (Demands for Grants) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- अनुदानों की मांगों को वार्षिक वित्तीय विवरण के साथ लोकसभा में प्रस्तुत किया जाता है।
- बिना विधानमंडल वाले प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग अनुदान मांग प्रस्तुत की जाती है।
- अनुदान की मांगों पर मतदान लोकसभा और राज्यसभा को अलग-अलग करना पड़ता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: a)
(1) लोकसभा द्वारा अनुच्छेद 113 के अधीन अनुदान किए जाने के पश्चात्, यथाशक्य शीघ्र, भारत की संचित निधि में से–
(क) लोकसभा द्वारा इस प्रकार किए गए अनुदानों की, और
(ख) भारत की संचित निधि पर भारित, किन्तु संसद के समक्ष पहले रखे गए विवरण में दर्शित रकम से किसी भी दशा में अनधिक व्यय की, पूर्ति के लिए अपेक्षित सभी धनराशियों के विनियोग का उपबंध करने के लिए विधेयक पुर:स्थापित किया जाएगा।
(2) इस प्रकार किए गए किसी अनुदान की रकम में परिवर्तन करने या अनुदान के लक्ष्य को बदलने अथवा भारत की संचित निधि पर भारित व्यय की रकम में परिवर्तन करने का प्रभाव रखने वाला कोई संशोधन, ऐसे किसी विधेयक में संसद के किसी सदन में प्रस्थापित नहीं किया जाएगा और पीठासीन व्यक्ति का इस बारे में विनिश्चय अंतिम होगा कि कोई संशोधन इस खंड के अधीन अग्राह्य है या नहीं।
बिना विधानमंडल वाले प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग अनुदान मांग प्रस्तुत की जाती है।
अनुदानों की मांगों पर मतदान करना लोकसभा का विशेष अधिकार है, यानी राज्यसभा के पास मांगों पर मतदान करने की शक्ति नहीं है। मतदान बजट के मतदान योग्य भाग तक ही सीमित है – भारत की संचित निधि पर भारित व्यय पर मतदान नहीं किया जाता है (केवल चर्चा की जा सकती है)।
Incorrectउत्तर: a)
(1) लोकसभा द्वारा अनुच्छेद 113 के अधीन अनुदान किए जाने के पश्चात्, यथाशक्य शीघ्र, भारत की संचित निधि में से–
(क) लोकसभा द्वारा इस प्रकार किए गए अनुदानों की, और
(ख) भारत की संचित निधि पर भारित, किन्तु संसद के समक्ष पहले रखे गए विवरण में दर्शित रकम से किसी भी दशा में अनधिक व्यय की, पूर्ति के लिए अपेक्षित सभी धनराशियों के विनियोग का उपबंध करने के लिए विधेयक पुर:स्थापित किया जाएगा।
(2) इस प्रकार किए गए किसी अनुदान की रकम में परिवर्तन करने या अनुदान के लक्ष्य को बदलने अथवा भारत की संचित निधि पर भारित व्यय की रकम में परिवर्तन करने का प्रभाव रखने वाला कोई संशोधन, ऐसे किसी विधेयक में संसद के किसी सदन में प्रस्थापित नहीं किया जाएगा और पीठासीन व्यक्ति का इस बारे में विनिश्चय अंतिम होगा कि कोई संशोधन इस खंड के अधीन अग्राह्य है या नहीं।
बिना विधानमंडल वाले प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग अनुदान मांग प्रस्तुत की जाती है।
अनुदानों की मांगों पर मतदान करना लोकसभा का विशेष अधिकार है, यानी राज्यसभा के पास मांगों पर मतदान करने की शक्ति नहीं है। मतदान बजट के मतदान योग्य भाग तक ही सीमित है – भारत की संचित निधि पर भारित व्यय पर मतदान नहीं किया जाता है (केवल चर्चा की जा सकती है)।
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