[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 27 जनवरी 2022 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

1. भारत के जनजातीय समूहों ने भारत में औपनिवेशिक शासन लागू करने के प्रति हिंसक प्रतिक्रिया क्यों दी? इसका क्या महत्व था एवं यह असफल क्यों हुआ? विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ: Down to Earth

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

यह उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए कि अठारहवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी में शासक वर्ग के उत्पीड़न के विरुद्ध अनेक जनजातीय विद्रोह हुए।

 विषय वस्तु:  

जनजातियों द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न समस्याओं का उल्लेख कीजिए।

किसान एवं जनजातीय विद्रोहों के कुछ उदाहरण दीजिए। इन विद्रोहों की विफलता के कारणों के बारे में लिखिए।

इन आदिवासी विद्रोहों के महत्व का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

यह उल्लेख करते हुए निष्कर्ष निकालिए कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में लंबे समय तक, किसानों एवं जनजातियों का संघर्ष विकसित हुआ एवं अंततः राष्ट्रीय आंदोलन की मुख्य धारा का भाग बन गया।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

2. “एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना के उद्देश्य क्या हैं? क्या आपको लगता है कि इसने भारत में सहकारी संघवाद को गहरा करने में योगदान दिया है? (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Insights on India

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में सहकारी संघवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

विषय वस्तु:

“एक भारत श्रेष्ठ भारत” योजना के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।

भारत में सहकारी संघवाद को गहरा करने में योजना की सफलताओं का उल्लेख कीजिए। तथ्यों एवं उदाहरणों के साथ अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।

योजना की कमियों के बारे में लिखिए। सहकारी संघवाद में वृद्धि करने के लिए इसे कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है? समझाइए।

निष्कर्ष:

भारत में सहकारी संघवाद को गहरा करने के संबंध में योजना पर एक संतुलित निर्णय प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

3. असममित संघवाद क्या है? कुछ राज्यों के लिए विशेष संवैधानिक प्रावधानों के संदर्भ में इसकी आवश्यकता पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: सरल

 सन्दर्भ: Polity by M. Laxmikanth.

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में असममित संघवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

 विषय वस्तु:

विशेष संवैधानिक प्रावधानों वाले राज्यों के लिए इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

उपर्युक्त को उदाहरण सहित सिद्ध कीजिए।

निष्कर्ष:

भारत में संघवाद की विशिष्टता एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

4. चीन-अमेरिकी प्रतिद्वंद्विता को बढ़ाने वाले युग में, बहुपक्षवाद को नवीनीकृत करने में सहायता करने के लिए भारत एवं यूरोपीय संघ के मध्य वैश्विक सहयोग की अधिक आवश्यकता है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: orfonline.org

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

चीन-अमेरिकी प्रतिद्वंद्विता के वर्चस्व वाले वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य का संक्षेप में उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

चीन-अमेरिकी प्रतिद्वंद्विता ने विश्व भर में बहुपक्षवाद को कैसे कम किया है? विस्तार से समझाइए।

उन क्षेत्रों की व्याख्या कीजिए, जिनमें भारत एवं यूरोपीय संघ वैश्विक राजनीति में बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

निष्कर्ष:

उपरोक्त को साकार करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

5. महामारी, स्वचालन के प्रभावों के कारण बेरोजगारी के साथ-साथ शिक्षित बेरोजगारी को दूर करने के लिए भारत को केंद्रित नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

सन्दर्भ: Live Mint

 निर्देशक शब्द: 

चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में बेरोजगारी को दर्शाने के लिए आंकड़े प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

उपर्युक्त तीन कारकों ने भारत में बेरोजगारी के विभिन्न पहलुओं में कैसे योगदान दिया है? उल्लेख कीजिए एवं इसके प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

विशेष रूप से उपरोक्त को संबोधित करने एवं उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक लक्षित नीति पर बल दीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

 6. बढ़ती शहरी एवं युवा आबादी के साथ, आने वाले वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की मांग में वृद्धि होना निश्चित है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को आवश्यक बुनियादी ढांचे में निवेश करके मांग को पूरा करने के लिए कमर कसने की आवश्यकता है। जांच कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ:  The Hindu

निर्देशक शब्द:

जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

उत्तरकीसंरचना:

परिचय:

भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की वर्तमान स्थिति के बारे में आँकड़े प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषयवस्तु:

भारत में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र के बारे में विस्तार से लिखिए।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को अपनी क्षमता को साकार करने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: मानव कार्यों में नैतिकता के निर्धारक तत्व एवं उनके परिणाम।

7. कृत्रिम बुद्धिमत्ता में हालांकि बहुत अधिक तकनीकी क्षमता है लेकिन इसमें नैतिक सरोकार भी हैं। उदाहरण सहित सिद्ध कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 निर्देशक शब्द: 

सिद्ध कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने पक्ष के समर्थन में प्रासंगिक उदाहरणों का उल्लेख करते हुए सरल भाषा में अपना उत्तर लिखे।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए इसके बारे में बढ़ती नैतिक चिंताओं को प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की तकनीकी क्षमताओं के बारे में लिखिए एवं उदाहरण देकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सम्बन्धित नैतिक चिंताओं पर प्रकाश डालिए।

प्रौद्योगिकी के विकास को बाधित किए बिना एक समान एवं कुशल तरीके से उपरोक्त चिंताओं को दूर करने के तरीकों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

संक्षेप में निष्कर्ष निकालिए कि प्रौद्योगिकी को आधुनिक समाजों की नैतिक सीमाओं के भीतर विकसित किया जाना है।


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