[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 24 जनवरी 2022 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

1. राष्ट्रीय स्वतंत्रता एवं राष्ट्र निर्माण सुभाष चंद्र बोस की राजनीतिक विचारधारा के मूल थे। इसे प्राप्त करने के लिए बोस द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द: 

चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना: 

परिचय:

सुभाष चंद्र बोस एवं उनके राजनीति के तरीकों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए। 

विषय वस्तु:  

भारतीय सिविल सेवा से त्याग-पत्र देने के पश्चात् भारतीय स्वतंत्रता के प्रति बोस द्वारा उठाए गए विभिन्न दृष्टिकोणों का विस्तार से उल्लेख कीजिए।

राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की दिशा में विभिन्न उपायों एवं इसे प्राप्त करने के लिए उनकी समाजवादी प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

वर्तमान समय में उनकी विरासत के बारे में लिखते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

2. 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के परिणामस्वरूप लगभग सभी राज्यों में राजनीतिक विकेंद्रीकरण हो गया है। हालांकि, राजकोषीय एवं कार्यात्मक विकेंद्रीकरण पर प्रगति मिली-जुली रही है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ:  Polity by M. Laxmikanth.

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

73वें संविधान संशोधन अधिनियम के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:

पंचायती राज संस्थाओं के संबंध में राजनीतिक विकेन्द्रीकरण किस प्रकार सफल रहा है? विस्तार से लिखिए।

राजकोषीय विकेन्द्रीकरण पर पंचायती राज संस्थाओं की विभिन्न कमियों के बारे में लिखिए।

कार्यात्मक विकेन्द्रीकरण पर पंचायती राज संस्थाओं की विभिन्न कमियों के बारे में लिखिए।

उपरोक्त को नियंत्रित करने के उपायों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह लिखते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

3. स्थानीय निकायों पर, विशेष रूप से शहरी स्थानीय निकायों से संबंधित पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

स्थानीय निकायों के वित्तीय संवर्धन में वित्त आयोग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

स्थानीय निकायों के संबंध में 15वें वित्त आयोग की प्रमुख सिफारिशों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

शहरी स्थानीय निकायों पर विशेष बल देते हुए 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों की तुलना में 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के सकारात्मक पहलुओं का उल्लेख कीजिए।

उपरोक्त सिफारिशों की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

इन सीमाओं को पार करने के लिए आगे बढ़ने के उपायों के साथ निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

4. एक डेटा संरक्षण कानून को नागरिकों के निजी अधिकारों एवं व्यापार करने में सुगमता के मध्य संतुलन स्थापित करना चाहिए। व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2021 के संदर्भ में टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

डेटा संरक्षण विधेयक, 2021 के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

डेटा संरक्षण विधेयक, 2021 की विभिन्न विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

व्यापार करने में सुगमता पर विधेयक के विभिन्न प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

उपरोक्त मुद्दों को हल करने के लिए एक आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सरकारी बजटन।

5. राजकोषीय घाटा भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है? महामारी के प्रभाव से उत्पन्न हुए राजकोषीय घाटे को दूर करने के उपायों का सुझाव दीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: Indian Express

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

राजकोषीय घाटे को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

विषय वस्तु:

महामारी एवं इसके कारण बढ़े हुए राजकोषीय घाटे का संदर्भ प्रस्तुत कीजिए।

राजकोषीय घाटे के प्रभावों के बारे में लिखिए।

उपरोक्त को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत उपायों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

 6. भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी महत्वाकांक्षी ‘पंचामृत’ घोषणा को प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: sciencealert.com ,  Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

ग्लासगो में संपन्न COP (कॅाप)-26 में भारत की घोषणा के संदर्भ में उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:  

‘पंचामृत’ घोषणा के पाँच घटकों का उल्लेख कीजिए।

भारत द्वारा उत्सर्जन में कटौती करने के लिए उठाए जाने योग्य अभिनव उपायों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. कांट के अनुसार, किसी भी कार्रवाई का मार्गदर्शन करने वाली “विधि” अंततः एक सिद्धांत होना चाहिए ताकि वह किसी भी परिस्थिति में किसी भी संभावित कार्रवाई का मार्गदर्शन कर सके। चर्चा कीजिए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

कांट के नियमवाद के सन्दर्भ में एक लेख लिखते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

कांट द्वारा प्रतिपादित सार्वभौम नैतिक नियम एवं मानव क्रिया के मार्गदर्शन में इसकी भूमिका को विस्तार से समझाइए।

अपने उत्तर की पुष्टि के लिए उदाहरण दीजिए एवं इसकी सीमाओं का उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

संक्षेप में उत्तर का समापन कीजिए।


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