[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 20 जनवरी 2022 – INSIGHTSIAS

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

1. आपको क्या लगता है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज द्वारा निभाई गई भूमिका भारत में ब्रिटिश शासन के अंत के ताबूत में किस सीमा तक अंतिम कील थी? इस संबंध में सुभाष चंद्र बोस के योगदान पर प्रकाश डालिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: The New Indian Express

 निर्देशक शब्द: 

प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे। 

उत्तर की संरचना: 

परिचय:

सुभाष चंद्र बोस की गतिविधियों एवं आज़ाद हिन्द फ़ौज के गठन में उनके योगदान के लिए अग्रणी घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए। 

विषय वस्तु:  

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में आज़ाद हिन्द फ़ौज के योगदान का उल्लेख कीजिए एवं समझाइए कि यह भारत में ब्रिटिश शासन के ताबूत में अंतिम कील कैसे थी।

आज़ाद हिन्द फ़ौज ने नागरिकों के बीच व्यापक स्वीकृति कैसे प्राप्त की? समझाइए।

राष्ट्रीय आंदोलन में बोस के विभिन्न योगदानों के बारे में संक्षेप में लिखिए एवं इस बात पर प्रकाश डालिए कि उनके तरीके अन्य नेताओं से कैसे भिन्न थे।

निष्कर्ष:

एक प्रासंगिक समापन वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।

2. क्या आपको लगता है कि राज्यसभा के लिए पूर्व न्यायाधीशों का नामांकन न्यायपालिका के नैतिक कद को प्रभावित करता है एवं इसकी स्वतंत्रता को भी प्रभावित करता है? टिप्पणी कीजिए। (150 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

राज्य सभा के लिए सदस्यों के नामांकन से संबंधित प्रक्रिया एवं अनुच्छेदों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत कीजिए एवं इससे सम्बंधित हालिया मामले प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:

 सरकार का यह कदम उपयुक्त है या नहीं? उल्लेख कीजिए।  

इस प्रकार का कदम न्यायपालिका के नैतिक कद को कैसे प्रभावित कर सकता है और इसकी स्वतंत्रता को संपार्श्विक रूप से कैसे प्रभावित कर सकता है? सम्बंधित चिंताओं का उल्लेख कीजिए।

इस परिप्रेक्ष्य में आगे की राह बताइए।

निष्कर्ष:

एक प्रासंगिक समापन वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।

3. संसदीय समितियों के महत्व, उनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों एवं उनके प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक उपायों की जांच कीजिए। (250 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: Polity by M. Laxmikanth

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

संसदीय समितियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

संसदीय समितियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।

उनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों एवं उनके प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक उपायों का उल्लेख कीजिए।

 निष्कर्ष:

एक प्रासंगिक समापन वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।

4. रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के संबंध में बढ़ती चिंताओं के लिए उत्तरदायी कारकों पर एक लेख लिखिए। इसका सामना करने के लिए भारत एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा क्या पहल की गई हैं? (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ  Indian Express

निर्देशक शब्द:

 लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) को परिभाषित कीजिए एवं इसके कारणों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

ये चिंता का वैश्विक कारण क्यों है? समझाइए। इसके कारणों पर प्रकाश डालिए।

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) से निपटने के लिए प्रारम्भ की गई विभिन्न पहलों के बारे में लिखिए।

उनकी सफलता की संक्षेप में जाँच कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।

5. हाइब्रिड वारफेयर के साधन के रूप में ड्रोन द्वारा कौन से सुरक्षा खतरे उत्पन्न किए जाते हैं? क्या ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग में वृद्धि को बाधित किए बिना इन खतरों को टाला जा सकता है? विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

यूएई में ड्रोन हमलों से सम्बंधित हालिया घटनाओं से उत्तर की शुरुआत कीजिए। साथ ही, भारत में ऐसी ही घटनाओं के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

विषय वस्तु:

ड्रोन से सम्बंधित सुरक्षा खतरों के बारे में विस्तार से चर्चा कीजिए।

विश्व एवं भारत में ड्रोन के उपयोग को विनियमित करने के लिए अपनाई गई पहलों को सूचीबद्ध कीजिए।

साथ ही, यह भी उल्लेख कीजिए कि विनियमन को ड्रोन प्रौद्योगिकी में नवाचारों को क्यों नहीं रोकना चाहिए। इन चुनौतियों से निपटने के लिए उपायों का भी सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि सीमा पार तस्करी के लिए ड्रोन के बढ़ते उपयोग के साथ, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को निरोध के लिए एक स्मार्ट सीमा प्रबंधन तंत्र के भाग के रूप में विश्वसनीय प्रणाली स्थापित करने के लिए विभिन्न तरीकों की तलाश करनी चाहिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: नैतिकता के निर्धारक-तत्व।

 6. “कुछ मामलों में किसी कार्रवाई के सही या गलत होने का पर्याप्त रूप से निर्धारण नहीं किया जा सकता है।” भारतीय समाज में महिलाओं के लिए ‘गर्भपात का अधिकार’ के मुद्दे पर दिए गए कथन का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (150 शब्द)

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

‘गर्भपात के अधिकार’ का दावा करने के मूल उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

विषय वस्तु:  

क्या गर्भपात के अधिकार के सही या गलत होने का पर्याप्त तरीके से आकलन किया जा सकता है? विचार-विमर्श कीजिए।

अजन्मे भ्रूण का अधिकार, अधिकार के दुरुपयोग की संभावना आदि को शामिल कीजिए।

निष्कर्ष:

इस चुनौती (अजन्मे बच्चे के अधिकार बनाम अपने शरीर पर महिलाओं के अधिकारों को संतुलित करना) के समाधान के लिए संतुलन कैसे स्थापित किया जा सकता है? सुझाव दीजिए।

 

विषय: नैतिकता के निर्धारक-तत्व।

 7. भौतिकवाद किसी व्यक्ति के जीवन में दुख का कारण कैसे बन सकता है? समझाइए। इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कुछ उपायों का सुझाव दीजिए। (250 शब्द)

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भौतिकवाद को पर्याप्त रूप से परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

भौतिकवाद किन तरीकों से किसी व्यक्ति के जीवन में दुख उत्पन्न कर सकता है? सूचीबद्ध कीजिए।

भौतिकवाद पर इस अत्यधिक बल को पर्याप्त रूप से दूर करने के उपायों का सुझाव दीजिए।

निष्कर्ष:

आप इस मुद्दे से निपटने के लिए भारतीय जीवन शैली पर बल देकर अपना उत्तर समाप्त कर सकते हैं, जो बौद्ध धर्म की मुख्य शिक्षाओं में से एक, मध्यम मार्ग का पालन करना सिखाता है।


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