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HINDI Puucho STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
शीतोष्ण पर्णपाती बायोम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- ये उष्ण, आर्द्र ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियाँ वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- समशीतोष्ण वनों की मिट्टी पोडोज़ोलिक और काफी गहरी होती है।
- गर्मी के मौसम में पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: b)
समशीतोष्ण पर्णपाती या समशीतोष्ण चौड़ी पत्ती वाले वन विभिन्न प्रकार के समशीतोष्ण वन हैं जो हर साल अपने पत्ते गिरा देते हैं। वे उष्ण आर्द्र ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियों वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। समशीतोष्ण वनों की मिट्टी पोडोज़ोलिक और काफी गहरी होती है।
ठंड के मौसम में पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं। यह सर्दियों की बर्फ और ठंढ से खुद को बचाने के लिए अनुकूलित होते हैं।
Incorrectउत्तर: b)
समशीतोष्ण पर्णपाती या समशीतोष्ण चौड़ी पत्ती वाले वन विभिन्न प्रकार के समशीतोष्ण वन हैं जो हर साल अपने पत्ते गिरा देते हैं। वे उष्ण आर्द्र ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियों वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। समशीतोष्ण वनों की मिट्टी पोडोज़ोलिक और काफी गहरी होती है।
ठंड के मौसम में पेड़ अपने पत्ते गिरा देते हैं। यह सर्दियों की बर्फ और ठंढ से खुद को बचाने के लिए अनुकूलित होते हैं।
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Question 2 of 5
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- कवक स्वपोषी की तरह स्वयं भोजन का उत्पादन करके अपने बायोमास का निर्माण करते हैं।
- टुंड्रा जलवायु में स्थित लाइकेन प्राथमिक उत्पादक के उदाहरण हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: b)
कवक और अन्य ऑक्सीकृत बायोमास को अपघटक कहते हैं और ये प्राथमिक उत्पादक नहीं होते हैं। वे अपना बायोमास कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण से प्राप्त करते हैं और स्वपोषी की तरह स्वयं भोजन का उत्पादन नहीं करते हैं।
हालांकि, अन्य रूपों में कवक, शैवाल के साथ सहजीवी संबंध बनाते समय प्राथमिक उत्पादक बन सकते हैं।
उदाहरण के लिए टुंड्रा जलवायु में स्थित लाइकेन एक प्राथमिक उत्पादक का एक असाधारण उदाहरण है, जो पारस्परिक सहजीवन द्वारा, एक अपघटक कवक के संरक्षण के साथ शैवाल (या साइनोबैक्टीरिया द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण) द्वारा प्रकाश संश्लेषण को जोड़ती है।
Incorrectउत्तर: b)
कवक और अन्य ऑक्सीकृत बायोमास को अपघटक कहते हैं और ये प्राथमिक उत्पादक नहीं होते हैं। वे अपना बायोमास कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण से प्राप्त करते हैं और स्वपोषी की तरह स्वयं भोजन का उत्पादन नहीं करते हैं।
हालांकि, अन्य रूपों में कवक, शैवाल के साथ सहजीवी संबंध बनाते समय प्राथमिक उत्पादक बन सकते हैं।
उदाहरण के लिए टुंड्रा जलवायु में स्थित लाइकेन एक प्राथमिक उत्पादक का एक असाधारण उदाहरण है, जो पारस्परिक सहजीवन द्वारा, एक अपघटक कवक के संरक्षण के साथ शैवाल (या साइनोबैक्टीरिया द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण) द्वारा प्रकाश संश्लेषण को जोड़ती है।
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Question 3 of 5
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- समुद्री खरपतवार जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में प्रदूषण के संभावित संकेतक होते हैं, विशेष रूप से धातुओं को आबद्ध और संगृहीत करने की उनकी क्षमता के कारण भारी धातु प्रदूषण हेतु।
- अगर-अगर और आयोडीन जैसे उत्पादों को समुद्री शैवाल से प्राप्त किया जा सकता है।
- समुद्री शैवाल के सड़ने से अत्यधिक जहरीली गैस निकलती है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: d)
- समुद्री खरपतवार (Seaweed) सूक्ष्म शैवाल होती हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें जड़ों, तनों और पत्तियों जैसे ऊतकों का कोई भेद नहीं होता है।
- वे उथले तटीय जल में वृद्धि करते हैं, जहाँ भी सबस्ट्रेटा उपलब्ध होता है।
- समुद्री खरपतवार मनुष्यों एवं जानवरों के लिए भोजन और पौधों के लिए उर्वरक के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
- समुद्री खरपतवार का उपयोग गलगंड के उपचार, आंतों और पेट की बीमारियों के लिए एक दवा के रूप में किया जाता है।
- वाणिज्यिक मूल्य वाले समुद्रघास्य (Agar-agar) और एल्जिनेट (Alginates), आयोडीन जैसे उत्पाद समुद्री शैवाल से प्राप्त किए जाते हैं।
- समुद्री खरपतवार के मीथेन के जैव-निम्नीकरण द्वारा आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण गैसों का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा सकता है।
- विशेष रूप से भारी धातु प्रदूषण के कारण धातुओं को मजबूती से आबद्ध और संचय करने की उनकी क्षमता के कारण ये तटीय पारिस्थितिक तंत्र में प्रदूषण के संभावित संकेतक होते हैं।
- सड़ने वाली समुद्री खरपतवार हाइड्रोजन सल्फाइड का एक संभाव्य स्रोत है, जो एक अत्यधिक विषैली गैस होती है।
Incorrectउत्तर: d)
- समुद्री खरपतवार (Seaweed) सूक्ष्म शैवाल होती हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें जड़ों, तनों और पत्तियों जैसे ऊतकों का कोई भेद नहीं होता है।
- वे उथले तटीय जल में वृद्धि करते हैं, जहाँ भी सबस्ट्रेटा उपलब्ध होता है।
- समुद्री खरपतवार मनुष्यों एवं जानवरों के लिए भोजन और पौधों के लिए उर्वरक के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
- समुद्री खरपतवार का उपयोग गलगंड के उपचार, आंतों और पेट की बीमारियों के लिए एक दवा के रूप में किया जाता है।
- वाणिज्यिक मूल्य वाले समुद्रघास्य (Agar-agar) और एल्जिनेट (Alginates), आयोडीन जैसे उत्पाद समुद्री शैवाल से प्राप्त किए जाते हैं।
- समुद्री खरपतवार के मीथेन के जैव-निम्नीकरण द्वारा आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण गैसों का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा सकता है।
- विशेष रूप से भारी धातु प्रदूषण के कारण धातुओं को मजबूती से आबद्ध और संचय करने की उनकी क्षमता के कारण ये तटीय पारिस्थितिक तंत्र में प्रदूषण के संभावित संकेतक होते हैं।
- सड़ने वाली समुद्री खरपतवार हाइड्रोजन सल्फाइड का एक संभाव्य स्रोत है, जो एक अत्यधिक विषैली गैस होती है।
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Question 4 of 5
फाइटोप्लांकटन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- फाइटोप्लांकटन प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
- फाइटोप्लांकटन जीवित रहने के लिए विटामिन B पर निर्भर होते हैं।
- वे मीठे पानी के पारिस्थितिकी तंत्र में नहीं पाए जाते हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: c)
फाइटोप्लांकटन प्रकाश संश्लेषण करने वाले सूक्ष्म जैविक जीव होते हैं जो पृथ्वी पर लगभग सभी महासागरों और ताजे पानी के निकायों की ऊपरी सूर्य की परत में पाए जाते हैं। वे “प्राथमिक उत्पादन” के लिए एजेंट हैं, पानी में घुले कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बनिक यौगिकों का निर्माण, एक प्रक्रिया जो जलीय खाद्य वेब को बनाए रखती है।
फाइटोप्लांकटन खनिजों पर निर्भर होते हैं। ये मुख्य रूप से नाइट्रेट, फॉस्फेट या सिलिकिक एसिड जैसे सूक्ष्म जैविक जीव हैं।
फाइटोप्लांकटन जीवित रहने के लिए विटामिन B पर निर्भर रहते हैं।
वे समुद्री या खारे या ताजे सहित सभी जल प्रणालियों में पाए जाते हैं।
Incorrectउत्तर: c)
फाइटोप्लांकटन प्रकाश संश्लेषण करने वाले सूक्ष्म जैविक जीव होते हैं जो पृथ्वी पर लगभग सभी महासागरों और ताजे पानी के निकायों की ऊपरी सूर्य की परत में पाए जाते हैं। वे “प्राथमिक उत्पादन” के लिए एजेंट हैं, पानी में घुले कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बनिक यौगिकों का निर्माण, एक प्रक्रिया जो जलीय खाद्य वेब को बनाए रखती है।
फाइटोप्लांकटन खनिजों पर निर्भर होते हैं। ये मुख्य रूप से नाइट्रेट, फॉस्फेट या सिलिकिक एसिड जैसे सूक्ष्म जैविक जीव हैं।
फाइटोप्लांकटन जीवित रहने के लिए विटामिन B पर निर्भर रहते हैं।
वे समुद्री या खारे या ताजे सहित सभी जल प्रणालियों में पाए जाते हैं।
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Question 5 of 5
भारत में भूमि निम्नीकरण के लिए निम्नलिखित में से कौन से कारक जिम्मेदार हैं?
- खेतों में सिंचाई का अनुचित उपयोग
- एकल फसल कृषि
- भूजल का अत्यधिक निष्कर्षण
- दावानल
सही उत्तर कूट कीजिए:
Correctउत्तर: d)
खेतों की गहन सिंचाई से भूजल कम हो जाता है; उच्च लवणता और जल भराव के कारण मिट्टी के सख्त होने से मिट्टी का क्षरण होता है।
एकल फसल कृषि (मोनोकल्चर) का अभ्यास मिट्टी को महत्वपूर्ण खनिजों को घुलने और संरक्षित नहीं होने देती है क्योंकि प्रत्येक फसल चक्र में समान खनिज और पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं।
दावानल से वनस्पति का नुकसान होता है, ऊपरी मिट्टी का आवरण, सूक्ष्मजीवों और जानवरों जैसी महत्वपूर्ण जैव विविधता, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है, और मिट्टी का क्षरण होता है।
Incorrectउत्तर: d)
खेतों की गहन सिंचाई से भूजल कम हो जाता है; उच्च लवणता और जल भराव के कारण मिट्टी के सख्त होने से मिट्टी का क्षरण होता है।
एकल फसल कृषि (मोनोकल्चर) का अभ्यास मिट्टी को महत्वपूर्ण खनिजों को घुलने और संरक्षित नहीं होने देती है क्योंकि प्रत्येक फसल चक्र में समान खनिज और पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं।
दावानल से वनस्पति का नुकसान होता है, ऊपरी मिट्टी का आवरण, सूक्ष्मजीवों और जानवरों जैसी महत्वपूर्ण जैव विविधता, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है, और मिट्टी का क्षरण होता है।
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