[इनसाइट्स सिक्योर MISSION – 2022] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 6 दिसंबर 2021 – INSIGHTSIAS

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How to Follow Secure Initiative?

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MISSION – 2022: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययन– I


 

विषय: स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।

1. स्वतंत्र भारत में मोरारजी देसाई की शांति सक्रियता पर विशेष बल देते हुए उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: कठिन

 सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

मोरारजी देसाई एवं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:  

स्वतंत्र भारत में मोरारजी देसाई की उपलब्धियों के बारे में लिखिए।

एक शांति कार्यकर्ता के रूप में उनके प्रयासों का उल्लेख कीजिए।

 निष्कर्ष:

उनके योगदान का सारांश प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे।

2. भारत के सतत विकास के लिए जनसंख्या की बढ़ती उम्र से सम्बंधित आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों की तैयारी आवश्यक है। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: New Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत के जनसांख्यिकीय संक्रमण की विशेषता इसकी युवा जनसंख्या में वृध्दि है, जो विकास में तेजी लाने के अवसर का एक साधन हो सकती है। हालांकि, एक समानांतर रूप से घटित होने वाली घटना जिस पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है, वह है तेजी से बूढ़ा होना। इसे प्रमाणित करने के लिए आँकड़े प्रस्तुत कीजिए।

 विषय वस्तु:

बुजुर्गों से सम्बंधित विभिन्न आर्थिक परिवर्तनों के बारे में लिखिए।

बुजुर्गों से सम्बंधित विभिन्न सामाजिक परिवर्तनों के बारे में लिखिए।

अब तक किए गए विभिन्न नीतिगत उपायों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

उन्हें और बेहतर बनाने के उपाय सुझाएं।

निष्कर्ष:

“कोई भी पीछे न छूटे” के एसडीजी को प्राप्त करने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– II


 

विषय: विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।

3. भारत में सहकारिता विविध समस्याओं का सामना करती है। सहकारी समितियों पर नए सिरे से राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसे जमीनी स्तर पर वास्तव में जन-आधारित आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में सहकारी समितियों के इतिहास पर एक संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

सहकारी समितियों से सम्बंधित सफलता की विभिन्न कहानियों एवं लाभों का उल्लेख कीजिए।

सहकारी समितियों से सम्बंधित विभिन्न समस्याओं का उल्लेख कीजिए।

उपरोक्त को नियंत्रित करने के लिए उपाय सुझाएं।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

4. ऑमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) के प्रसार के साथ ही भारत को एक नीतिगत द्वंद्व का सामना करना पड़ रहा है कि क्या वह बूस्टर खुराक प्रदान करे या भारत में वैक्सीन कवरेज को बढ़ावा दे और विश्व स्तर पर टीकों की आपूर्ति जारी रखे। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 टिप्पणी कीजिए ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

ऑमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) के प्रसार एवं इससे सम्बंधित अनिश्चितताओं का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

तृतीय बूस्टर खुराक लेने की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए। इसके पक्ष-विपक्ष दोनों पर प्रकाश डालिए।

वैश्विक स्तर पर टीकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत में टीकों का दायरा बढ़ाना जारी रखने की आवश्यकता का उल्लेख कीजिए। इसके पक्ष-विपक्ष दोनों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

भारत द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– III


 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

5. संक्रमिकाओं (Ecotones) को महान पर्यावरणीय महत्व के क्षेत्र क्यों माना जाता है? परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: सरल

सन्दर्भ:  Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

संक्रमिका को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

 विषय वस्तु:

संक्रमिका का निर्माण कैसे होता है? समझाइए। एज प्रभाव (edge effect) का उल्लेख कीजिए।

संक्रमिका के महत्व के बारे में लिखिए।

 निष्कर्ष:

संक्रमिकाएँ वैश्विक परिवर्तन का एक संवेदनशील संकेतक कैसे हैं? इसके महत्व को संक्षेप में बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।

6. जीवमंडल की कार्यप्रणाली की आवश्यकता को समझना वर्तमान समय की तुलना में कभी भी इतना महत्वपूर्ण नहीं रहा क्योंकि हम प्राकृतिक संसाधनों की कमी का सामना कर रहे हैं एवं यह सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

 प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: Insights on India

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सतत विकास को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरूआत कीजिए।

 विषय वस्तु:  

जीवमंडल के विभिन्न कार्यों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास के विभिन्न उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

इसके प्रभावों पर प्रकाश डालिए।

सतत विकास प्राप्त करने के लिए उपरोक्त को कैसे शामिल किया जा सकता है? उल्लेख कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययन– IV


 

विषय: भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

7. आंतरिक शुभ (intrinsic good) एवं साधक शुभ (instrumental good) की तुलना कीजिए। (150 शब्द)

प्रश्न का स्तर: मध्यम

 सन्दर्भ: plato.stanford.edu

 निर्देशक शब्द:

तुलना कीजिए दोनों प्रकारों का एक विस्तृत तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कीजिए, उनकी समान और असमान दोनों प्रकार की विशेषताओं को दर्शाइए। अभ्यर्थी को चाहिए कि वह दोनों का विस्तृत मूल्यांकन प्रस्तुत करे।

उत्तर की संरचना:

परिचय:

“शुभ” को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।

विषय वस्तु:  

आंतरिक शुभ (intrinsic good) एवं साधक शुभ (instrumental good) दोनों की परिभाषा प्रस्तुत कीजिए।

दोनों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।

निष्कर्ष:

उपर्युक्त के सन्दर्भ में अपने विचारों का संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करते हुए निष्कर्ष निकालिए।


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