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सामान्य अध्ययन– I
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
1. विश्व में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना एवं समुद्री जैव विविधता पर समुद्री ऊष्मा तरंग (Heatwaves) के चालकों तथा प्रभावों पर एक लेख लिखिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
समुद्री ऊष्मा तरंग (Heatwaves) क्या हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
समुद्री उष्मीय तरंगों के उद्भव के विभिन्न कारकों पर प्रकाश डालिए।
समुद्री उष्मीय तरंगों के प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
उपरोक्त को सारांशित करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
2.जलवायु परिवर्तन विश्व भर में उथले जल की प्रवाल भित्तियों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। विस्तार से समझाइए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: सरल
सन्दर्भ: Insights on India
निर्देशक शब्द:
समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
जलवायु परिवर्तन प्रवालों को कैसे प्रभावित कर रहा है? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
जलवायु परिवर्तन उथले जल के प्रवालों को कैसे प्रभावित कर रहा है? विस्तार से चर्चा कीजिए।
इसके अलावा, प्रवाल अपक्षय के अन्य विभिन्न कारकों पर भी प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
उपरोक्त को सारांशित करते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– II
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
3. अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था महान शक्ति प्रतिस्पर्धा के एक नवीन युग पर केंद्रित है, जहां देश वैश्विक समस्या-समाधान पर राष्ट्रीय वर्चस्व को बनाए रखने का विकल्प चुन रहे हैं। इसके क्या परिणाम हैं? अधिकाधिक वैश्विक सहयोग की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
विश्लेषण कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति एवं देशों के मध्य प्रतिस्पर्धा का वर्णन करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
वैश्विक आर्थिक अन्योन्याश्रयता एवं देशों के मध्य महान शक्ति प्रतिस्पर्धा के नवीन युग पर प्रकाश डालिए।
चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए सत्ता प्रतिस्पर्धा में शामिल जोखिमों पर प्रकाश डालिए।
वैश्विक व्यवस्था के जोखिमों में वृद्धि करने वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष:
वैश्विक समस्याओं को हल करने एवं राष्ट्रीय सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए देशों के बीच सहयोग के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
4.भारत की हिन्द-प्रशांत रणनीति ने हाल के वर्षों में राजनीतिक एवं संस्थागत संकर्षण हासिल कर लिया है। अब भारत के लिए एक “यूरेशियाई” नीति विकसित करने का समय आ गया है, जो उसकी हिन्द-प्रशांत रणनीति की भी पूरक होगी। चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
भारत की हिन्द-प्रशांत रणनीति एवं यूरेशियाई क्षेत्र के लिए एक समान रणनीति विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तु:
सम्बंधित क्षेत्र की एक अंतरराष्ट्रीय समझ पर चर्चा कीजिए।
सम्बंधित क्षेत्र में चीन के दबदबे पर प्रकाश डालिए।
यूरेशिया के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण पर चर्चा कीजिए एवं समझाइए कि भारत की यूरेशियाई नीति में यूरोपीय संघ एवं उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन दोनों के साथ अधिक जुड़ाव शामिल होना चाहिए।
निष्कर्ष:
यूरेशिया के साथ सहयोग में भारत के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
सामान्य अध्ययन– III
विषय: आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।
5.भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के साधन के रूप में अंतर्राष्ट्रीय कानून के उपयोग का मूल्यांकन करने में विफल रहा है। क्या आप सहमत हैं? टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: the Hindu
निर्देशक शब्द:
टिप्पणी कीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचना:
परिचय:
संबंधित अंतर्राष्ट्रीय कानून पर एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तु:
उन उदाहरणों का उल्लेख कीजिए, जब भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून का उपयोग कर सकता था।
भारत में विदेश नीति निर्माण के हाशिये पर रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय कानून के कारणों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
सुझाव दीजिए कि इस परिप्रेक्ष्य में आगे क्या किया जा सकता है एवं निष्कर्ष निकालिए।
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
6.भारत की गति शक्ति योजना का प्रभाव उसकी सीमाओं से परे भी हो सकता है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
प्रश्न का स्तर: मध्यम
सन्दर्भ: Indian Express
निर्देशक शब्द:
विश्लेषणकीजिए– ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तरकीसंरचना:
परिचय:
योजना पर एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषयवस्तु:
योजना के प्रमुख तत्वों पर प्रकाश डालिए।
भारत की सीमाओं पर योजना के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
निष्कर्ष:
एक प्रासंगिक आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
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