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HINDI Puucho STATIC QUIZ 2020-2021
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Question 1 of 5
निम्नलिखित में से किन साक्ष्यों ने महाद्वीपीय प्रवाह (continental drift) का समर्थन किया?
- महासागरों के चारों ओर समान आयु की चट्टानें
- अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के तटरेखाओं की जिग-सॉ-फिट
- प्लेसर निक्षेप
- टिलाइट निक्षेप
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: d)
महाद्वीपीय प्रवाह के समर्थन से संबंधित साक्ष्य
महाद्वीपों का परस्पर जुड़ाव (जिग-सॉ-फिट): अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका की तटरेखाओं का परस्पर संबद्ध होना है।
महासागरों के किनारे पर समान चट्टानें अवस्थित होना: ब्राजील के तट पर 2,000 मिलियन वर्ष पुरानी प्राचीन चट्टानें पश्चिमी अफ्रीका के साथ मेल खाती हैं।
टिलाइट: यह हिमनदों के निक्षेपों से निर्मित अवसादी चट्टान है। भारत में अवसादी गोंडवाना क्रम की चट्टानें दक्षिणी गोलार्ध के छह अलग-अलग भूखंडों पर पाई जाती हैं। यह इन भूखंडों में परस्पर उल्लेखनीय समान दर्शाता है।
प्लेसर निक्षेप: घाना तट में सोने के समृद्ध प्लेसर निक्षेप का पाया जाना और इस क्षेत्र में स्रोत चट्टानों की पूर्णत: अनुपस्थिति एक आश्चर्यजनक तथ्य है। सोने की स्रोत वाली चट्टानें ब्राजील में स्थित हैं। यह दर्शाता है कि घाना के सोने के भंडार का स्रोत ब्राजील का पठार था, जब दोनों महाद्वीप परस्पर जुड़े हुए थे।
Incorrectउत्तर: d)
महाद्वीपीय प्रवाह के समर्थन से संबंधित साक्ष्य
महाद्वीपों का परस्पर जुड़ाव (जिग-सॉ-फिट): अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका की तटरेखाओं का परस्पर संबद्ध होना है।
महासागरों के किनारे पर समान चट्टानें अवस्थित होना: ब्राजील के तट पर 2,000 मिलियन वर्ष पुरानी प्राचीन चट्टानें पश्चिमी अफ्रीका के साथ मेल खाती हैं।
टिलाइट: यह हिमनदों के निक्षेपों से निर्मित अवसादी चट्टान है। भारत में अवसादी गोंडवाना क्रम की चट्टानें दक्षिणी गोलार्ध के छह अलग-अलग भूखंडों पर पाई जाती हैं। यह इन भूखंडों में परस्पर उल्लेखनीय समान दर्शाता है।
प्लेसर निक्षेप: घाना तट में सोने के समृद्ध प्लेसर निक्षेप का पाया जाना और इस क्षेत्र में स्रोत चट्टानों की पूर्णत: अनुपस्थिति एक आश्चर्यजनक तथ्य है। सोने की स्रोत वाली चट्टानें ब्राजील में स्थित हैं। यह दर्शाता है कि घाना के सोने के भंडार का स्रोत ब्राजील का पठार था, जब दोनों महाद्वीप परस्पर जुड़े हुए थे।
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Question 2 of 5
‘सवाना जलवायु‘ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इसकी विशेषता एकान्तरिक उष्ण, वर्षा का मौसम और शीत, शुष्क मौसम है।
- हौसा जनजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं।
- अधिकांश क्षेत्रों में लेटराइट मृदा होती है जो अच्छी फसलों का समर्थन करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correctउत्तर: b)
सवाना की जलवायु:
इसकी विशेषता एकान्तरिक आर्द्र और शुष्क मौसम है। इसमें केवल दो मौसम होते हैं – शीतकाल और ग्रीष्मकाल। गर्मियों में वर्षा होती है। अलग-अलग आर्द्र और शुष्क मौसम के कारण, कई सवाना क्षेत्रों में खराब लेटराइट मृदा पाई जाती है जो अच्छी फसलों का समर्थन नहीं करती है।
कई जनजातियां सवाना क्षेत्र में रहती हैं। पूर्वी अफ्रीकी पठार की मसाई जनजातियां की जनजातियाँ पशुपालक हैं, जबकि उत्तरी नाइजीरिया की हौसा कृषक हैं।
Incorrectउत्तर: b)
सवाना की जलवायु:
इसकी विशेषता एकान्तरिक आर्द्र और शुष्क मौसम है। इसमें केवल दो मौसम होते हैं – शीतकाल और ग्रीष्मकाल। गर्मियों में वर्षा होती है। अलग-अलग आर्द्र और शुष्क मौसम के कारण, कई सवाना क्षेत्रों में खराब लेटराइट मृदा पाई जाती है जो अच्छी फसलों का समर्थन नहीं करती है।
कई जनजातियां सवाना क्षेत्र में रहती हैं। पूर्वी अफ्रीकी पठार की मसाई जनजातियां की जनजातियाँ पशुपालक हैं, जबकि उत्तरी नाइजीरिया की हौसा कृषक हैं।
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Question 3 of 5
महासागर पृथ्वी पर किस कारण से वृहत कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है
- वृहद भौगोलिक विस्तार
- समुद्री जल और वायु के बीच कार्बन डाइऑक्साइड के आंशिक दबाव में अंतर
- फाइटोप्लांकटन और समुद्री घास की अधिकता
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: d)
वृहद भौगोलिक विस्तार और फाइटोप्लांकटन तथा समुद्री घास की अधिकता के कारण महासागर पृथ्वी पर सबसे बड़े कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं।
कार्बन डाइऑक्साइड आसानी से पानी में घुल जाता है और महासागर कार्बन का विशाल भंडार प्रदान करता है। महासागरों में कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन का एक चक्र मौजूद है।
समुद्री जल और वायु के बीच CO2 के आंशिक दबाव में अंतर गैसीय विनिमय की सुविधा प्रदान करता है। यह वायुमंडलीय CO2 को समुद्री जल में घुलने देता है।
महासागरों में घुलने वाला कार्बन डाइऑक्साइड तीन मुख्य रूपों में मौजूद होता है। सामान्य कार्बन डाइऑक्साइड के अलावा, यह बाइकार्बोनेट और कार्बोनेट आयनों के रूप में भी पाया जाता है।
Incorrectउत्तर: d)
वृहद भौगोलिक विस्तार और फाइटोप्लांकटन तथा समुद्री घास की अधिकता के कारण महासागर पृथ्वी पर सबसे बड़े कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं।
कार्बन डाइऑक्साइड आसानी से पानी में घुल जाता है और महासागर कार्बन का विशाल भंडार प्रदान करता है। महासागरों में कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन का एक चक्र मौजूद है।
समुद्री जल और वायु के बीच CO2 के आंशिक दबाव में अंतर गैसीय विनिमय की सुविधा प्रदान करता है। यह वायुमंडलीय CO2 को समुद्री जल में घुलने देता है।
महासागरों में घुलने वाला कार्बन डाइऑक्साइड तीन मुख्य रूपों में मौजूद होता है। सामान्य कार्बन डाइऑक्साइड के अलावा, यह बाइकार्बोनेट और कार्बोनेट आयनों के रूप में भी पाया जाता है।
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Question 4 of 5
पश्चिमी भारत के निम्नलिखित पर्वतीय दर्रों और उनसे जुड़े क्षेत्रों पर विचार कीजिए।
- नासिक से मुंबई A. थाल घाटी
- मुंबई से पुणे B. भोर घाट
- पुडुचेरी से तमिलनाडु C. पाल घाट
- कोडाइकनाल से मदुरै: D. सेनकोटा पास
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: a)
पश्चिमी घाट के कुछ महत्वपूर्ण दर्रे:
थाल घाट: यह नासिक को मुंबई से जोड़ता है।
भोर घाट: यह मुंबई को पुणे से जोड़ता है।
पाल घाट: यह केरल को तमिलनाडु से जोड़ता है (कोच्चि को चेन्नई से जोड़ता है)।
सेनकोटा दर्रा: यह नागरकोइल और कार्डमॉम पहाड़ियों के बीच स्थित है जो तिरुवनंतपुरम और मदुरै को जोड़ता है
Incorrectउत्तर: a)
पश्चिमी घाट के कुछ महत्वपूर्ण दर्रे:
थाल घाट: यह नासिक को मुंबई से जोड़ता है।
भोर घाट: यह मुंबई को पुणे से जोड़ता है।
पाल घाट: यह केरल को तमिलनाडु से जोड़ता है (कोच्चि को चेन्नई से जोड़ता है)।
सेनकोटा दर्रा: यह नागरकोइल और कार्डमॉम पहाड़ियों के बीच स्थित है जो तिरुवनंतपुरम और मदुरै को जोड़ता है
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Question 5 of 5
ऐसा माना जाता है कि समय के साथ इंडो-ब्रह्मा नदी कई जल अपवाह प्रणालियों में विभाजित हो गई। इसमें शामिल हैं
- गंगा और उसकी हिमालयी सहायक नदियाँ
- असम में ब्रह्मपुत्र और उसकी हिमालयी सहायक नदियाँ
- सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ
सही उत्तर कूट का चयन कीजिए:
Correctउत्तर: d)
यह माना जाता है कि समय के साथ इंडो-ब्रह्मा नदी तीन मुख्य अपवाह प्रणालियों में विभाजित हो गई:
(i) सिंधु और पश्चिमी भाग में इसकी पांच सहायक नदियाँ;
(ii) मध्य भाग में गंगा और उसकी हिमालयी सहायक नदियाँ; और
(iii) असम में ब्रह्मपुत्र और पूर्वी भाग में हिमालयी सहायक नदियाँ।
Incorrectउत्तर: d)
यह माना जाता है कि समय के साथ इंडो-ब्रह्मा नदी तीन मुख्य अपवाह प्रणालियों में विभाजित हो गई:
(i) सिंधु और पश्चिमी भाग में इसकी पांच सहायक नदियाँ;
(ii) मध्य भाग में गंगा और उसकी हिमालयी सहायक नदियाँ; और
(iii) असम में ब्रह्मपुत्र और पूर्वी भाग में हिमालयी सहायक नदियाँ।
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