[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 15 जुलाई 2021 – PuuchoIAS


 

How to Follow Secure Initiative?

How to Self-evaluate your answer? 

Puucho NEW SECURE – 2020: YEARLONG TIMETABLE

 


सामान्य अध्ययनI


 

विषय: महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।

1. महिलाओं के जीवन में सोशल मीडिया के महत्व पर प्रकाश डालिए। सोशल मीडिया पर महिलाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? (250 शब्द)

सन्दर्भ: orfonline.org

 निर्देशक शब्द:

 स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सोशल मीडिया क्या है? समझाइए एवं इसकी पहुंच पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • महिलाओं के लिए सोशल मीडिया क्यों मायने रखता है? समझाइए। इसके सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पक्षों पर प्रकाश डालिए।
  • सोशल मीडिया पर महिलाओं की पूर्ण भागीदारी को रोकने के कारणों पर चर्चा कीजिए।
  • महिलाओं को सोशल मीडिया से सम्बंधित चिंताओं एवं चुनौतियों से बचाने के लिए मौजूद नीतियों एवं तंत्रों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

इस समस्या के समाधान के लिए उपाय सुझाते हुए निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनII


 

विषय: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।

 2. विश्व बैंक एवं आईएमएफ की मुख्य आलोचनाएँ क्या हैं? चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ:  brettonwoodsproject.org

निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

दोनों संस्थानों के बारे में चर्चा प्रारम्भ करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

आईएमएफ एवं विश्व बैंक की आलोचनाओं के ऐतिहासिक संदर्भ पर चर्चा कीजिए।

इस सन्दर्भ में कारण भी प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।

3. 2026 में, लोकसभा सीटों का पुन: आवंटन करते समय लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं संघीय सिद्धांतों के बीच संघर्ष को संबोधित करने की चुनौती होगी। भारत को संघवाद की चुनौतियों का समाधान करने के लिए वर्तमान संघीय समझौते की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न का संक्षिप्त संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

2026 में, लोकसभा सीटों का पुन: आवंटन करते समय लोकतांत्रिक सिद्धांतों एवं संघीय सिद्धांतों के बीच संघर्ष को संबोधित करने की चुनौती होगी। भारत को संघवाद की चुनौतियों का समाधान करने के लिए वर्तमान संघीय समझौते की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है।

लोकतंत्र एवं संघवाद के सिद्धांत को संतुलित करने की चुनौती पर चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

संघवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIII


 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

 4. हाल ही में कोविड संकट ने वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता के लिए भारत की भेद्यता को उजागर किया है। सम्बंधित कारणों का विश्लेषण करते हुए भारत में आत्मनिर्भर इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के निर्माण के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

 निर्देशक शब्द:

 समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में ही तथ्यों को बताते हुए अंत में एक सारगर्भित निष्कर्ष निकालना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रश्न में दिए गए कथन को न्यायोचित ठहराते हुए कुछ प्रमुख तथ्य प्रस्तुत कीजिए एवं उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के सन्दर्भ में अन्य देशों पर निर्भरता क्यों है? प्रकाश डालिए।

ऐसी भेद्यता उत्पन्न होने के कारकों पर चर्चा कीजिए।

भारत में आत्मनिर्भर इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के निर्माण के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा कीजिए।

आत्मनिर्भर भारत एवं इसकी प्रासंगिकता तथा इस दिशा में अन्य संबद्ध योजनाओं के बारे में चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

5. एक विचार है कि भारत स्वाभाविक रूप से एक चक्रीय अर्थव्यवस्था है। इस संदर्भ में भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था की क्षमता को साकार करने में अवसरों एवं चुनौतियों का परीक्षण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Hindustan Times

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

वृत्तीय अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारत स्वाभाविक रूप से चक्रीय अर्थव्यवस्था कैसे है? समझाइए।

भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था की क्षमता को साकार करने में उपस्थित अवसरों पर चर्चा कीजिए।

इसके समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIV


 

विषय: सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।

 6. सहिष्णुता काफी नहीं है, यह स्वीकृति का विचार है जो विविधता को समायोजित करता है एवं समाज को समावेशी बनाता है। विस्तृत चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सहिष्णुता एवं स्वीकृति के विचार से आप क्या समझते हैं? समझाते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

सहिष्णुता एवं स्वीकृति के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।

सहिष्णुता की तुलना में स्वीकृति का व्यापक अर्थ कैसे है? चर्चा कीजिए।

यह एक समाज को समावेशी कैसे बनाती है? चर्चा कीजिए।

किसी भी सरकार का उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

उपयुक्त उदाहरणों के साथ निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

7. कॉरपोरेट शासन के मानदंडों का पालन करने वाली कंपनियां दीर्घकाल में विजेता के रूप में उभरती हैं। उपयुक्त उदाहरणों की सहायता से मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

कॉर्पोरेट शासन की परिभाषा प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

कंपनियों को कॉर्पोरेट शासन की आवश्यकता क्यों है? चर्चा कीजिए।

ऐसी कंपनियाँ दीर्घकाल में विजेता के रूप में क्यों उभरती हैं? उदाहरण सहित कारण स्पष्ट कीजिए।

कॉर्पोरेट शासन की अनदेखी करने वाली कंपनियां लंबे समय तक क्यों नहीं टिकती हैं? सोदाहरण औचित्य सिद्ध कीजिए। 

निष्कर्ष:

उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर उचित निष्कर्ष निकालिए।


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