[इनसाइट्स सिक्योर STHIR – 2021] दैनिक सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन अभ्यास: 13 जुलाई 2021 – INSIGHTSIAS

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सामान्य अध्ययनII


 

विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।

1. दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रति भारत की विदेश नीति में एक सॉफ्ट पावर के रूप में प्रवासी/ डायस्पोरा पर एक लेख लिखिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: earp.in

 निर्देशक शब्द:

 लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

प्रवासी / डायस्पोरा से आप क्या समझते हैं? परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

समझाइए कि दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के संबंध भूगोल, सभ्यता, संस्कृति, अर्थव्यवस्था एवं रणनीति के संदर्भ में इतिहास में निहित हैं। 1990 के दशक के बाद से ये संबंध और गहरे हो गए हैं क्योंकि भारत ने ‘लुक ईस्ट’ की नीति शुरू की जिसके परिणामस्वरूप आसियान और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ कई गुना विकास हुआ।

हाल ही में दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रति भारत की विदेश नीति में प्रवासी/डायस्पोरा को एक मजबूत सॉफ्ट पावर के रूप में क्यों देखा जा रहा है? चर्चा कीजिए।

इस दिशा में सरकार की हाल की नीतियों पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

2. भारत, जापान एवं इटली के मध्य त्रिपक्षीय संबंधों की संभावनाओं पर प्रकाश डालिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu

निर्देशक शब्द:

 प्रकाश डालिये- ऐसे प्रश्नों के उत्तर लेखन में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह प्रश्न से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

हाल ही में, इटली ने भी हिन्द-प्रशांत भूगोल में प्रवेश करने के अपने इरादे का संकेत देना प्रारम्भ कर दिया है। इसने भारत और जापान को त्रिपक्षीय साझेदारी में शामिल करने की मांग की है।

 विषय वस्तु:

हिन्द-प्रशांत नीति अभिसरण में भारत द्वारा केंद्रीयता प्राप्त करने के कारणों पर चर्चा कीजिए।

चीन की दृढ़ता एवं अनुचित बाजार प्रथाओं पर इटली के रुख पर प्रकाश डालिए।

अनेक देशों की विदेश नीति के रडार पर हिन्द-प्रशांत के महत्व को प्राप्त करने के अंतर्निहित कारणों पर प्रकाश डालिए।

समझाइए कि एक त्रिपक्षीय सहयोग, भारत और इटली के लिए एक-दूसरे की प्रथाओं और हितों से अधिक सीखने और एक रणनीतिक वार्ता को मजबूत करने का सही मंच हो सकता है, जिसमें आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक आयाम शामिल होने चाहिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

3. भारत में सहकारिता की क्षमता का परीक्षण कीजिए एवं उनके समक्ष उपस्थित चुनौतियों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 परीक्षण कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

सहकारिता से आप क्या समझते हैं? परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

सम्पूर्ण विश्व एवं भारत में सहकारिता का एक अवलोकन प्रस्तुत कीजिए।

भारत में सहकारिता के संक्षिप्त इतिहास पर चर्चा कीजिए।

इससे सम्बंधित चुनौतियों पर एक लेख लिखिए।

वर्तमान समय में सहकारिता की क्षमताओं पर चर्चा कीजिए। उदाहरण भी प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि सहकारिता मंत्रालय की स्थापना एक स्वागत योग्य कदम है।

 

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

 4. नागरिक अधिकार के रूप में विभेद-विरोधी एवं समानता का प्रावधान करने वाली विधि के आधारों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: The Hindu  

 निर्देशक शब्द:

 विश्लेषण कीजिएऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

भारत में विभेद की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:  

इस सन्दर्भ में भारत के समक्ष उपस्थित चुनौतियों की विवेचना कीजिए।

सुझाव दीजिए कि क्या करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष:

सुझावों के साथ निष्कर्ष निकालिए। उदाहरण के तौर पर केरल मॉडल की चर्चा कीजिए।

  

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

5. आपको क्या लगता है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली देश में प्रचलित मौजूदा सामाजिक पूर्वाग्रहों का मुकाबला कहाँ तक कर सकती है? सोदाहरण समझाइए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express

निर्देशक शब्द:

 समझाइए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न से संबंधित सूचना अथवा जानकारी को सरल भाषा में प्रस्तुत कीजिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

हमारे समाज में सामाजिक पूर्वाग्रहों की व्यापकता के संदर्भ को प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

हमारे समाज में जनता का ध्यान आकर्षित करने वाले विभिन्न प्रकार के नस्लीय एवं धार्मिक पूर्वाग्रहों की व्याख्या कीजिए।

प्रासंगिक उदाहरणों के साथ उन पर प्रकाश डालिए।

इस सन्दर्भ में शिक्षा किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है? व्याख्या कीजिए।

इन पूर्वाग्रहों पर नियंत्रण स्थापित करने में विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थान क्या भूमिका निभा सकते हैं? चर्चा कीजिए।

निष्कर्ष:

शिक्षा के महत्व को दर्शाते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIII


 

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग तथा दैनिक जीवन पर इसका प्रभाव।

 6. भारतीय न्यायपालिका में लंबे समय से चल रहे मुद्दों को संबोधित करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता एवं सीमाओं की जांच कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: Indian Express

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं इसके सामान्य लाभों से संबंधित कुछ प्रमुख तथ्य प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

भारतीय न्यायिक प्रणाली के मुद्दों पर चर्चा कीजिए।

इसकी कार्यप्रणाली पर कोविड महामारी के प्रभावों का मामला प्रस्तुत कीजिए।

इन मुद्दों को सम्बोधित करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका पर प्रकाश डालिए।

निष्कर्ष:

आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।

 


सामान्य अध्ययनIV


 

विषय: सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।

7. निष्पक्षता सिविल सेवाओं के आधारभूत मूल्य के रूप में समाज के कमजोर वर्गों के प्रति करुणा दिखाने में एक बाधा नहीं बननी चाहिए। जांच कीजिए। (250 शब्द)

सन्दर्भ: नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं अभिवृत्ति: लेक्सिकन प्रकाशन

 निर्देशक शब्द:

 जांच कीजिए- ऐसे प्रश्नों का उत्तर देते समय उस कथन अथवा विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों का परीक्षण करते हुए सारगर्भित उत्तर लिखना चाहिए।

 उत्तर की संरचना:

 परिचय:

निष्पक्षता के मूल्य से आप क्या समझते हैं? परिभाषित करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।

 विषय वस्तु:

उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

  • सिविल सेवा निष्पक्षता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  • यह कमजोर वर्गों के प्रति व्यक्ति के दृष्टिकोण में बाधा क्यों बन सकता है? कारण बताइए एवं शासन पर इसके प्रभावों पर प्रकाश डालिए।
  • बेहतर ढंग से पुष्टि करने के लिए उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष निकालिए कि सिविल सेवकों द्वारा निष्पक्षता को एकमात्र सिद्धांत के रूप में अभ्यास नहीं किया जाना चाहिए। इसे सिविल सेवाओं के अन्य मूलभूत मूल्यों का पूरक होना चाहिए और कमजोर वर्गों के प्रति करुणा दिखाने में बाधा नहीं बनना चाहिए।

 


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