[ad_1]
HINDI – INSIGHTS CURRENT EVENTS QUIZ 2020
Information
Welcome to Current Affairs Quiz in HINDI Medium. Hope you are happy with our Hindi Current Affairs. The following Quiz is based on the Hindu, PIB and other news sources. It is a current events based quiz. Solving these questions will help retain both concepts and facts relevant to UPSC IAS civil services exam – 2020-2021
To view Solutions, follow these instructions:
-
Click on – ‘Start Quiz’ button
-
Solve Questions
-
Click on ‘Quiz Summary’ button
-
Click on ‘Finish Quiz’ button
-
Now click on ‘View Questions’ button – here you will see solutions and links.
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
-
Question 1 of 5
1 points
हाल ही समाचारों में चर्चित ‘CIBER-2 मिशन’ किससे संबंधित है?
Correctउत्तर: d)
CIBER-2:
इस मिशन का उद्देश्य ब्रह्मांड में मौजूद तारों की संख्या की गणना करना है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि इस तरह का मिशन शुरू किया गया है। CIBER-2 उपकरण में कुछ सुधार किया गया है ताकि यह देखा जा सके कि पिछली गणना के दोरान किसी तारे की गणना छुट तो नहीं गयी थी।
Incorrectउत्तर: d)
CIBER-2:
इस मिशन का उद्देश्य ब्रह्मांड में मौजूद तारों की संख्या की गणना करना है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि इस तरह का मिशन शुरू किया गया है। CIBER-2 उपकरण में कुछ सुधार किया गया है ताकि यह देखा जा सके कि पिछली गणना के दोरान किसी तारे की गणना छुट तो नहीं गयी थी।
-
Question 2 of 5
1 points
भारत सरकार द्वारा कोठारी आयोग की स्थापना क्यों की गई थी
Correctउत्तर: c)
राष्ट्रीय शिक्षा आयोग (1964-1966), जिसे कोठारी आयोग के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा भारत में शैक्षिक क्षेत्र के सभी पहलुओं की जांच करने, शिक्षा का एक सामान्य पैटर्न विकसित करने और भारत में शिक्षा के विकास के लिए नीतियां और दिशा-निर्देशों की सलाह देने के लिए स्थापित एक तदर्थ आयोग था।
कोठारी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम छह फीसदी खर्च करने की जरूरत है।
Incorrectउत्तर: c)
राष्ट्रीय शिक्षा आयोग (1964-1966), जिसे कोठारी आयोग के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा भारत में शैक्षिक क्षेत्र के सभी पहलुओं की जांच करने, शिक्षा का एक सामान्य पैटर्न विकसित करने और भारत में शिक्षा के विकास के लिए नीतियां और दिशा-निर्देशों की सलाह देने के लिए स्थापित एक तदर्थ आयोग था।
कोठारी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम छह फीसदी खर्च करने की जरूरत है।
-
Question 3 of 5
1 points
निम्नलिखित को उत्तर से दक्षिण की ओर व्यवस्थित कीजिए।
- काला सागर
- ईजियन सागर
- डार्डानेल्स जलडमरूमध्य
- मारमरा सागर
सही उत्तर कूट चुनिए:
Correctउत्तर: a)
Incorrectउत्तर: a)
-
Question 4 of 5
1 points
चिपको आंदोलन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- चिपको आंदोलन हिमालयी क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा वनों की कटाई के खिलाफ विरोध का एक गांधीवादी स्वरूप था।
- आंदोलन का नेतृत्व सुंदरलाल बहुगुणा ने किया था।
- आंदोलन को महिलाओं से भी समर्थन मिला था।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correctउत्तर: a)
चिपको आंदोलन हिमालयी क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा वनों की कटाई के विरोध का एक गांधीवादी रूप था। वनों की कटाई को रोकने के लिए, स्थानीय लोगों (मुख्य रूप से महिलाएं) पेड़ों के चारों ओर घेरा बना लिया था और पेड़ों काटने से रोका था।
पहला चिपको आंदोलन अप्रैल 1973 में मंडल गांव में हुई, जो अब उत्तराखंड में स्थित है, और यह अगले पांच वर्षों में कई हिमालयी जिलों में फैल गया।
सरकार द्वारा अलकनंदा घाटी में एक खेल सामग्री निर्माण कंपनी को वन क्षेत्र का एक भूखंड आवंटित करने का निर्णय लेने के बाद यह आंदोलन तेज हो गया था।
एक स्थानीय एनजीओ की मदद से, इलाके की महिलाएं जंगल में गईं और पेड़ों के चारों ओर एक घेरा बना लिया, जिसने पेड़ों को काटने के लिए आए पुरुषों से उनकी रक्षा की थी।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुंदरलाल बहुगुणा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। उनकी अपील के परिणामस्वरूप 1980 में हरे पेड़ों को काटने पर 15 साल तक प्रतिबंध लगा दिया गया।
Incorrectउत्तर: a)
चिपको आंदोलन हिमालयी क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा वनों की कटाई के विरोध का एक गांधीवादी रूप था। वनों की कटाई को रोकने के लिए, स्थानीय लोगों (मुख्य रूप से महिलाएं) पेड़ों के चारों ओर घेरा बना लिया था और पेड़ों काटने से रोका था।
पहला चिपको आंदोलन अप्रैल 1973 में मंडल गांव में हुई, जो अब उत्तराखंड में स्थित है, और यह अगले पांच वर्षों में कई हिमालयी जिलों में फैल गया।
सरकार द्वारा अलकनंदा घाटी में एक खेल सामग्री निर्माण कंपनी को वन क्षेत्र का एक भूखंड आवंटित करने का निर्णय लेने के बाद यह आंदोलन तेज हो गया था।
एक स्थानीय एनजीओ की मदद से, इलाके की महिलाएं जंगल में गईं और पेड़ों के चारों ओर एक घेरा बना लिया, जिसने पेड़ों को काटने के लिए आए पुरुषों से उनकी रक्षा की थी।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुंदरलाल बहुगुणा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। उनकी अपील के परिणामस्वरूप 1980 में हरे पेड़ों को काटने पर 15 साल तक प्रतिबंध लगा दिया गया।
-
Question 5 of 5
1 points
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत के संविधान के अनुसार, किसी सदस्य को यदि कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है तो वह सदन की सदस्यता खो देगा, सजा की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा, और उस अवधि के बाद भी छह साल के लिए अयोग्य घोषित रहेगा।
- पेड न्यूज को चुनावी अपराध बनाने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन की आवश्यकता होती है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
Correctउत्तर: a)
भारत का निर्वाचन आयोग कम से कम पांच प्रमुख चुनावी सुधारों पर बल दे रहा है, जिसमें पेड न्यूज को चुनावी अपराध बनाना, आधार संख्या को मतदाता सूची से जोड़ना और झूठा हलफनामा दाखिल करने की सजा को बढ़ाना (दो साल की कैद) शामिल है।
सभी प्रस्तावित सुधारों के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन की आवश्यकता होगी।
2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले ने फैसला सुनाया कि किसी सदस्य को यदि कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है तो वह सदन की सदस्यता खो देगा, सजा की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा, और उस अवधि के बाद भी छह साल के लिए अयोग्य घोषित रहेगा।
Incorrectउत्तर: a)
भारत का निर्वाचन आयोग कम से कम पांच प्रमुख चुनावी सुधारों पर बल दे रहा है, जिसमें पेड न्यूज को चुनावी अपराध बनाना, आधार संख्या को मतदाता सूची से जोड़ना और झूठा हलफनामा दाखिल करने की सजा को बढ़ाना (दो साल की कैद) शामिल है।
सभी प्रस्तावित सुधारों के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन की आवश्यकता होगी।
2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले ने फैसला सुनाया कि किसी सदस्य को यदि कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है तो वह सदन की सदस्यता खो देगा, सजा की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा, और उस अवधि के बाद भी छह साल के लिए अयोग्य घोषित रहेगा।
Join our Official Telegram Channel HERE for Motivation and Fast Updates
Subscribe to our YouTube Channel HERE to watch Motivational and New analysis videos
[ad_2]